समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस द्वारा नोटा के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई के लिए हामी भर दी है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की तत्काल सुनवाई की मांग पर अपनी सहमति व्यक्त की। सिब्बल ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि संविधान में नोटा के संबंध में कोई वैधानिक प्रावधान नहीं है।
गुजरात में राज्य सभा सदस्यों के चुनाव के दौरान ‘नोटा’ का विकल्प दिए जाने को लेकर मंगलवार को कांग्रेस ने राज्य सभा में जबर्दस्त हंगामा भी किया। दरअसल इस समय गुजरात में टूट से जूझ रही कांग्रेस के लिए नोटा और भी मुश्किलें बढ़ा सकता है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने गुजरात राज्यसभा चुनाव में नोटा का विकल्प लागू करने के चुनाव आयोग के फैसले पर मंगलवार को कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “यह अधिसूचना जारी किये जाने के बाद' किया गया।” साथ ही उन्होंने जून में निर्धारित चुनाव में विलंब करने का भी आरोप लगाया।
गौरतलब है कि सप्ताह भर पहले ही छह विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ा है। इनमें से चार भाजपा में शामिल हो चुके हैं। वहीं एक दर्जन से ज्यादा विधायक कांग्रेस से इस्तीफा दे चुके शंकर सिंह वाघेला के साथ बताए जाते हैं। ऐसे में अगर कुछ विधायक नोटा का इस्तेमाल करते हैं तो यहां से राज्य सभा सीट के लिए पार्टी उम्मीदवार अहमद पटेल की जीत और भी मुश्किल हो जाएगी।
सरकार का पक्ष
नोटा पर मचे बवाल पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला था जो नोटा विकल्प देने के संदर्भ में था। फैसला इस सरकार के आने के कई साल पहले ही आ गया था। चुनाव आयोग ने ये नोटिफिकेशन उसी को ध्यान में रखते हुए आर्टिकल 324 के तहत दिया है।”