Advertisement

आधार को बैंक खातों से जोड़ने के खिलाफ तृणमूल विधायक की याचिका खारिज

उच्चतम न्यायालय ने बैंक खातों को आधार से जोड़ने के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक द्वारा...
आधार को बैंक खातों से जोड़ने के खिलाफ तृणमूल विधायक की याचिका खारिज

उच्चतम न्यायालय ने बैंक खातों को आधार से जोड़ने के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई से आज इनकार कर दिया।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि आधार को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं पहले से ही उसके समक्ष लंबित हैं ऐसे में समान मुद्दे उठाने वाली हजारों याचिकाओं को वह स्वीकार नहीं कर सकता।

न्यायमूर्ति ए के सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने कहा, ‘‘हमें समान मुद्दे पर हजारों याचिकाओं की सुनवाई क्यों करनी चाहिए। यह मुद्दा पहले ही दूसरी याचिकाओं में उठाया जा चुका है। हम आपको इजाजत देते हैं कि आप यह मुद्दा संविधान पीठ के समझ पक्ष बनने की याचिका दायर कर उठाएं।’’ पीठ ने तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा को लंबित मामले में पक्ष बनने के लिए याचिका दायर करने की इजाजत दे दी। यह मामले इस महीने के आखिरी हफ्ते में संविधान पीठ के समझ सुनवाई के लिए आएंगे।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता जोहैब हुसैन ने पीठ को बताया कि उच्चतम न्यायालय के समक्ष पहले ही आधार से जुड़ी 27 याचिकाएं विचारार्थ लंबित हैं।

मोइत्रा के वकील ने जब पीठ से मामले की सुनवाई का अनुरोध किया तब न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि आधार के हर पहलू को पहले ही अदालत में चुनौती दी जा चुकी है।’’ पीठ ने कहा, ‘‘अदालत के समक्ष क्योंकि पहले से ही बहुत सारी यचिकायें विचारार्थ लंबित हैं, ऐसे में इस जनहित याचिका पर सुनवाई करना उचित नहीं हो सकता।’’ सर्वोच्च न्यायालय ने तीन नवंबर को यह स्पष्ट किया था कि बैंक और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ताओं के साथ अपने संवाद में उन्हें यह संकेत देना होगा कि बैंक खातों और टेलीफोन नंबरों को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख क्या है।

अभी बैंक खातों को आधार से जोड़ने की आखिरी तारीख इस वर्ष 31 दिसंबर तक है जबकि मोबाइल नंबर से इसे जोड़ने की आखिरी तारीख छह फरवरी 2018 है।

प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने 30 अक्तूबर को कहा था कि उसके समक्ष आये आधार से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिये संविधान पीठ का गठन किया जायेगा जो इस पर सुनवाई करेगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad