सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को ‘इच्छा मृत्यु’ मामले में बड़ा फैसला सुनाया। इस मामले पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने कुछ दिशा-निर्देशों के साथ ‘इच्छा मृत्यु’ की इजाजत दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते कहा कि हर व्यक्ति को गरिमा के साथ मरने का अधिकार है और किसी भी इंसान को इससे वंचित नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने ‘इच्छा मृत्यु’ के लिए एक गाइडलाइन जारी की है, जो कि कानून बनने तक प्रभावी रहेगी। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों की संवैधनिक पीठ ने यह ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि ‘इच्छा मृत्यु’ की मांग करने वाले शख्स के परिवार की अर्जी पर लिविंग विल को मंजूर किया जा सकता है, लेकिन इसके लिए एक्सपर्ट डॉक्टर्स की टीम को भी यह लिखकर देना होगा कि बीमारी से ग्रस्त शख्स का स्वस्थ होना असंभव है।
Supreme Court says passive #Euthanasia is permissible with guidelines. pic.twitter.com/cOcQu8VbUN
— ANI (@ANI) March 9, 2018
Human beings have the right to die with dignity: Supreme Court after allowing passive #Euthanasia with guidelines.
— ANI (@ANI) March 9, 2018
A five-judge Constitution bench of the Supreme Court, headed by Chief Justice of India Dipak Misra passed the order allowing passive #Euthanasia with guidelines
— ANI (@ANI) March 9, 2018
क्या है 'लिविंग विल'
'लिविंग विल' एक लिखित दस्तावेज होता है जिसमें कोई मरीज पहले से यह निर्देश देता है कि मरणासन्न स्थिति में पहुंचने या रजामंदी नहीं दे पाने की स्थिति में पहुंचने पर उसे किस तरह का इलाज दिया जाए। 'पैसिव यूथेनेशिया' (इच्छा मृत्यु) वह स्थिति है जब किसी मरणासन्न व्यक्ति की मौत की तरफ बढ़ाने की मंशा से उसे इलाज देना बंद कर दिया जाता है।
गौरतलब है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने पिछले साल 11 अक्टूबर को इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत जिस तरह नागरिकों को जीने का अधिकार दिया गया है, उसी तरह उन्हें मरने का भी अधिकार है।
इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि ‘इच्छा मृत्यु’ की वसीयत (लिविंग विल) लिखने की अनुमति नहीं दी जा सकती, लेकिन मेडिकल बोर्ड के निर्देश पर मरणासन्न का सपोर्ट सिस्टम हटाया जा सकता है।