संजय राउत ने कहा कि सरकार चिंता जाहिर कर रही है लेकिन केवल चिंता जाहिर करने से ही कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार को पाकिस्तान और आतंकवादियों को सबक सीखाना होगा। इसके साथ ही उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अब कहां है 56 इंच का सीना। जाहिर है आतंकी हमले के बाद सरकार को विपक्ष ही नहीं अपने सहयोगियों की भी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं पीएम मोदी ने ट्वीट कहा है कि जम्मू-कश्मीर में शांतिप्रिय अमरनाथ यात्रियों पर कायराना हमले से दुख हुआ। हर किसी को इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करनी चाहिए। मेरी संवेदनाएं हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से हैं। मेरी प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं। भारत इस तरह के कायराना हमलों के आगे कभी नहीं झुकेगा। वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि आओ उन्हें बता दो कि आपको उनका डर नहीं है। यह बेहद जरूरी है।
कांग्रेस ने उठाया सवाल
वहीं कांग्रेस ने इस हमले के लिए सरकार के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि जब सरकार को 25 जून को ही खुफिया सूचना मिली थी कि आतंकी अमरनाथ यात्रा पर हमला हो सकता है तो पहले से एहतियात क्यों नहीं बरता गया। इसके साथ ही उप राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए संसद में हुई विपक्ष की मीटिंग से पहले दो मिनट का मौन रखकर आतंकी हमले में मारे गए अमरनाथ यात्रियों को श्रद्धांजलि दी गई।