किसी और लड़की के साथ ऐसा न हो कि उसे फिर ‘निर्भया’ जैसे दर्द से गुजरना पड़े इसके लिए गुड़गांव जिला प्रशासन सिर्फ महिलाओं के लिए कैब चलाने की योजना बना रहा है। महिलाओं के प्रति छेड़छाड़ और महिला विरोधी अपराधों पर लगाम कसने के मकसद से गुड़गांव जिला प्रशासन ने तय किया है कि ऐसी सुविधा दी जाए जिसमें वे निडर हो कर यात्रा कर सकें।
गौरतलब है कि गुडगांव में सबसे ज्यादा बीपीओ और मल्टी नेशनल कंपनियां हैं। एक अनुमान के मुताबिक इन सभी कंपनियों में लगभग दस हजार महिलाकर्मी काम करती हैं। इन कंपनियों में शिफ्ट ड्यूटी होने के कारण देर रात महिलाओं को घर या दफ्तर पहुंचने में दिक्कत होती है। इन कैबों की खूबी यह रहेगी कि इनकी चालक भी महिलाएं ही होंगी। प्रशासन इस तरह की कैब खरीदने और चलाने में रूचि रखने वाली महिलाओं की मदद लेने पर भी विचार कर रहा है।
गुड़गांव के जिला प्रशासन ने ग्रामीण विकास और स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान से एेसी महिलाओं या लड़कियों की पहचान करने के लिए कहा है जो इस तरह की कैब चलाने में दिलचस्पी रखती हों। इस परियोजना में जिला प्रशासन, ग्रामीण विकास और स्व रोजगार प्रशिक्षण संस्थान, टाटा मोटर्स और बैंक शामिल होेंगे।