पुलिस ने लोगों से मुख्यमंत्री जे जयललिता की सेहत के बारे में अफवाह फैलाने से बचने की चेतावनी दी है। जांच के लिए विशेष टीम भी बनाई है। यह टीम सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री की सेहत के बारे में गलत सूचना देने वालों की पहचान करेगी। ऐसे मामलों में दोष साबित होने पर सात साल से ज्यादा की सजा हो सकती है।
इस मामले में चेन्नई पुलिस ने नमक्कल और मुदुरई जिले से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन्हें एआईएडीएमके के आईटी विंग के सचिव जी रामचंद्रन की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। इन पर भारतीय दंड संहिता के तहत दंगे की मंशा से अफवाह फैलाने, आम जनता को डराने, सामाजिक व्यवस्था बिगाड़ने और दो समूहों के बीच नफरत फैलाने से जुड़ी धाराओं के तहत आरोप लगाया गया है।
मुख्यमंत्री जयललिता 22 सितंबर से बुखार और डिहाइड्रेशन की शिकायत के बाद चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती हैं। विपक्ष उनकी पार्टी एआईएडीएमके पर मुख्यमंत्री की सेहत की जानकारी छिपाने का आरोप लगा रहा है। इस मामले में मद्रास हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी लगाई गई थी। इसमें मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर राज्य सरकार से बयान जारी करने और उनके स्वस्थ होने तक अंतरिम मुख्यमंत्री नियुक्त करने की मांग की गई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था।