सरकार ने पहले इस आशय की घोषणा की थी कि कारीगरों, कामगारों, गृहणियों इत्यादि द्वारा बैंकों में जमा की जाने वाली छोटी राशियों पर आयकर विभाग वर्तमान आयकर छूट सीमा के 2.5 लाख रुपये रहने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए कोई भी सवाल नहीं करेगा। इस बीच, ऐसी जानकारियां मिली हैं कि कुछ लोग अपने काले धन को नये नोटों में बदलने के लिए अन्य व्यक्तियों के बैंक खातों का उपयोग कर रहे हैं, जिसके लिए उन खाताधारकों को इनाम भी दिया जा रहा है जो अपने खातों के इस्तेमाल की अनुमति देने पर सहमत हो जाते हैं। इस तरह की गतिविधि जन धन खातों में भी होने की सूचना मिली है।
यह स्पष्ट किया गया है कि यदि यह बात साबित हो जाती है कि किसी बैंक खाते में जमा की गई राशि खाताधारक के बज़ाय किसी और व्यक्ति की है तो इस तरह की कर चोरी पर आयकर के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। यही नहीं, जो व्यक्ति इस उद्देश्य के लिए अपने खाते के दुरुपयोग की अनुमति देगा उस पर उकसाने के लिए आयकर अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है। हालांकि, अपनी ही नकद बचत राशि को बैंक खाते में जमा करने वाले वास्तविक व्यक्तियों से कोई भी सवाल नहीं पूछा जायेगा।