सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार (शोध) अनूप सुरेंद्रनाथ ने याकूब मेमन को फांसी देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखी एक पोस्ट में कहा है कि मृत्युदंड से जुड़े मामलों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए वह सु्प्रीम कोर्ट में अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं। वह जो भी कुछ लिखना चाहते हैं यह उसके लिए आजादी हासिल करने का एक तरीका है। आने वाले दिनों में वह सुप्रीम कोर्ट में पिछले हफ्ते हुए घटनाक्रम पर और ज्यादा विचार विमर्श करेंगे। गौरतलब है कि बंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी से बचाने की कानूनी कोशिशों का सुरेंद्रनाथ ने भी समर्थन किया था। उन्होंने याकूब को फांसी दिए जाने के फैसले की कड़ी आलोचना की है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों का दावा है कि सुरेंद्रनाथ के इस्तीफे का याकूब के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, उन्होंने 30 जुलाई को ही इस्तीफा दे दिया था और उन्हें पदमुक्त कर दिया गया है। अनूप दिल्ली के नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संकाय सदस्य और मृत्युदंड शोध परियोजना के निदेशक भी हैं। सुप्रीम कोर्ट में ऐसे करीब 20 डिप्टी रजिस्ट्रार हैं, जिनमें से कई बार के कानूनी विशेष भी हैं।
गौरतलब है कि रात भर चले घटनाक्रम के बाद सुबह तीन बजे याकूब मेमन की अंतिम दया याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की थी। सुरेंद्रनाथ ने सोशल साइट पर लिखा, 'चंद घंटों के भीतर दो फैसलों की शीर्ष अदालत के अंधकारमय घंटों के रूप में गणना होनी चाहिए। उन्होंने 29 जुलाई को चार बजे के फैसले में राजीव के हत्यारों के आजीवन कारावास को बनाए रखने और 30 जुलाई को सुबह पांच बजे याकूब की फांसी के फैसले का जिक्र किया है। याकूब को फैसले के दो घंटे के भीतर ही फांसी दे दी गई थी।