‘दिवाली’ का नाम आते ही कान में पटाखों का शोर सुनाई देने लगता है। लेकिन इस बार की दिवाली में आतिशबाजी और पटाखों की कानफोड़ू आवाज वाले माहौल में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण के मद्देनजर पटाखे जलाने के लिए भी कुछ शर्तें लगाई हैं। शीर्ष अदालत ने मंगलवार पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाने से इनकार करते हुए कुछ शर्तों के साथ इसकी बिक्री की इजाजत दी है।
ये है पटाखों पर सुप्रीम कोर्ट की शर्तें...
1-दिवाली पर शाम 8 बजे से रात 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जा सकेंगे।
2- दिवाली पर पटाखों वाली लड़ियां नहीं जलाई जा सकेंगी। इसकी बिक्री पर भी रोक लगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं जिसमें कम एमिशन वाले पटाखों को ही इजाजत मिली है।
3- ऑनलाइन पटाखा बिक्री पर रोक लगाई गई है। यानी पटाखे ऑनलाइन नहीं खरीद सकेंगे।
4-कोर्ट ने ग्रीन (इको फ्रेंडली) पटाखे जलाने पर जोर देने की बात कही है। साथ ही कम प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे बेचने का निर्देश दिया है।
5- क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान रात 11.45 से 12.30 बजे के बीच ही पटाखे जलाए जा सकेंगे।
6-सिर्फ लाइसेंस प्राप्त ट्रेडर्स ही दिवाली पर पटाखे बेच पाएंगे।
7- कोर्ट के इन निर्देशों का पालन करवाने की जिम्मेदारी उस क्षेत्र के एसएचओ की होगी। उल्लंघन पर अवमानना का केस चलेगा।