अगर समय रहते सीबीआई, ईडी जैसी जांच एजेंसियां मुस्तैदी दिखातीं तो सरकारी बैंकों की साख पर बट्टा लगाने वाले पीएनबी घोटाले का पहले ही पर्दाफाश हो सकता था। बेंगलूरू के ज्वैलर हरी प्रसाद एसवी ने 2016 में ही मेहुल चौकसी और उसकी कंपनियों के कथित घपलों-घोटालों की पीएमओ से लेकर ईडी, सीबीआई, सेबी और कंपनी रजिस्ट्रार से शिकायतें की थी, जो ठंडे बस्ते में पड़ी रही और पीएनबी घोटाले के आरोपी देश छोड़ गए। हरी प्रसाद ने पीएमओ को भेजी अपनी शिकायत में इस मामले की तुलना विजय माल्या केस से करते हुए आरोपियों के देश छोड़ जाने की आशंका भी जताई थी।
हैरानी की बात है कि आज जिस नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की धर-पकड़ के लिए सीबीआई इंटरपोल की मदद मांग रही है, ईडी समन जारी कर रही है, उनके बारे में शिकायतों पर डेढ़ साल तक किसी ने गौर नहीं किया। समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शिकायतकर्ता हरी प्रसाद ने बताया कि उन्होंने 2016 में प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की थी क्योंकि इससे पहले ईडी, सीबीआई, सेबी और मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स ने उनकी शिकायतों का जवाब तक नहीं दिया। बाद में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज का मेल आया कि केस बंद कर दिया गया है।
दरअसल, गीतांजलि स्टोर की फ्रेंचाइजी को लेकर हरी प्रसाद का मेहुल चौकसी के साथ विवाद चल रहा है। हरी प्रसाद का कहना है कि उनके जैसे बहुत से ज्वैलर्स के साथ मेहुल चौकसी एंड कंपनी ने छोखाधड़ी की। जिसके बाद उन्होंने चौकसी से जुड़ी कंपनियों की कथित गड़बड़ियों का खुलासा करना शुरू किया। इन शिकायतों में बैंकों से बड़े पैमाने पर कर्ज उठाने और विदेशी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगाए गए हैं।
हरी प्रसाद की शिकायत के आधार पर ही कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने में जुटी है। गुरुवार को कांग्रेस के कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के इंचार्ज रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि जब दो साल से प्रधानमंत्री कार्यालय को इस घोटाले की जानकारी थी तब दावोस में नीरव मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैसे मौजूद था? सरकार की नाक के नीचे नीरव मोदी और मेहुल चौकसी समूचे बैंकिंग सिस्टम को ठगने में कैसे कामयाब रहे?
उधर, पीएनबी के सीएमडी सुनील मेहता ने स्वीकार किया है कि बैंक को इस घोटाले का पता जनवरी के तीसरे हफ्ते में लगा। जिसके बाद 29 जनवरी को सीबीआई में 280 करोड़ रुपये के घपले की शिकायत दर्ज कराई गई। आगे चलकर यह मामला करीब 11400 करोड़ रुपये का निकला।
क्या थी शिकायत
29 जनवरी, 2016 को प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजी अपनी शिकायत में हरी प्रसाद ने आरोप लगाया था कि मेहुल चौकसी की कंपनियों ने 31 बैंकों से करीब 9872 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है, जो डूब सकता है। इस समूह को कर्ज देने वाले बैंकों की क्रेडिट रिपोर्ट की पड़ताल की जानी चाहिए। हरी प्रसाद ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए पीएमओ से मामले की जांच कराने का अनुरोध किया था। इस शिकायत को पीएमओ ने आवश्यक कार्रवाई के लिए रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) को भेज दिया था। हरी प्रसाद का कहना है कि बाद में आरओसी से उन्हें ई-मेल आया कि जांच के बाद मामला बंद कर दिया गया है।
अब कसा शिकंजा
इस बीच, पीएनबी घोटाले में अब नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर ईडी व सीबीआई का शिकंजा कसने लगा है। शुक्रवार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दोनों को समन जारी किए। नीरव मोदी की तलाश के लिए सीबीआई ने इंटरपोल की मदद भी मांगी है। इससे पहले गुरुवार को ईडी ने दिल्ली, मुंबई समेत कई शहरों में नीरव मोदी से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी कर 5100 करोड़ रुपये के हीरे व आभूषण जब्त किए थे। लेकिन सीबीआई और ईडी के हरकत में आने से पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर जा चुके हैं।