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टमाटर फिर लाल, दाम 80 रुपये किलो तक पहुंचे

कुछ दिन पहले प्याज के गिरते दामों ने किसानों को रुलाया तो अब टमाटर के दामों में अचानक आई तेजी आम आदमी के रसोई का बजट गड़बड़ाने लगी है। सिर्फ 15 दिनों में टमाटर के भाव दोगुने तक हो गये हैं। इस तेजी के पीछे मोटी वजह टमाटर की कम आवक है। देश की कई मंडियों में टमाटर के खुदरा दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये हैं। इस तेजी ने आम लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा दिया है।
टमाटर फिर लाल, दाम 80 रुपये किलो तक पहुंचे

 देश की राजधानी में हालांकि टमाटर के दामों में ज्यादा तेजी नहीं आई है लेकिन दक्षिण भारत की कई मंडियों और मध्य प्रदेश के कुछ शहरों में खुदरा में टमाटर के भाव 80 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं। दिल्ली में हिमाचल प्रदेश से टमाटर की ठीकठाक आवक हो रही है। इसलिए राजधानी में अभी दामों में इतनी तेजी नहीं आई है।  मध्य प्रदेश में टमाटर के भाव आसमान छूने लगे हैं। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक इन दिनों प्रदेश की मंडियों में मांग के अनुपात में टमाटर की आपूर्ति कम है जिससे इसके भाव में इजाफा हो रहा है।

सूत्रों ने बताया कि इंदौर की देवी अहिल्याबाई होलकर फल-सब्जी मंडी में अच्छी गुणवत्ता वाले टमाटर के थोक भाव 45 से 50 रुपये प्रति किलोग्राम तक हैं। यह मंडी प्रदेश में फल-सब्जियों का सबसे बड़ा थोक बिक्री केंद्र है। सूत्रों के मुताबिक,  कम आवक के नाम पर कारोबारियों और दलालों की जबर्दस्त मुनाफाखोरी के चलते खुदरा बाजार में टमाटर के भाव 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये हैं। मध्यप्रदेश में इन दिनों टमाटर की मुख्य आवक महाराष्ट्र और राजस्थान सरीखे पड़ोसी राज्यों से हो रही है। लेकिन यह आवक मांग के मुकाबले नाकाफी है। मध्यप्रदेश के प्रमुख टमाटर उत्पादक इलाकों में इस सब्जी की बुआई मानसून के आगमन के बाद होगी और इसकी नयी फसल करीब तीन महीने बाद सूबे की मंडियों में पहुंचेगी।

मीडिया खबरों के अनुसार कोच्चि में सोमवार को खुदरा में टमाटर 80-85 रुपये किलो तक बिका। केरल में थोक मंडियों में टमाटर गुणवत्ता के हिसाब से 40 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा में टमाटर 40 से 60 रुपये किलो तक बिक रहा है।

कारोबारियों का कहना है कि अप्रैल और मई में भारी गर्मी के कारण उत्तर भारत के कुछ राज्यों और महाराष्ट्र में टमाटर की फसल को नुकसान पहुंचा है। कारोबारियों का कहना है कि अगले दो महीने तक टमाटर और कुछ अन्य सब्जियों की कीमतें ऊंची बनी रहने का अंदेशा है। नई फसल आने के बाद ही राहत मिलेगी।

 

 

 

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