Advertisement

भीड़ की बर्बरता: झारखंड और महाराष्ट्र में चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या

देश के दो राज्यों से भीड़ का घिनौना चेहरा सामने आया है। झारखंड और महाराष्ट्र में चार लोगों को भीड़ ने...
भीड़ की बर्बरता: झारखंड और महाराष्ट्र में चार लोगों की पीट-पीटकर हत्या

देश के दो राज्यों से भीड़ का घिनौना चेहरा सामने आया है। झारखंड और महाराष्ट्र में चार लोगों को भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। झारखंड में मवेशी चोरी के आरोप में दो लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई है। वहीं महाराष्ट्र में सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फर्जी संदेश पर यकीन करके भीड़ द्वारा दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दिए जाने का मामला सामने आया है।

झारखंड: मवेशी चुराने के आरोप में भीड़ ने ली जान

झारखंड के गोड्डा जिले के एक गांव में लोगों ने मवेशी चुराने के आरोप में दो मुस्लिमों की कथित रूप से पीट-पीटकर हत्या कर दी।

संथाल परगना के डीआईजी अखिलेश कुमार झा के मुताबिक आदिवासी बहुल दुल्लु गांव के मुंशी मूर्मू के घर से 5 लोगों ने कथित रूप से भैंसें चुरा ली थीं। भैंसों को गायब देख मूर्मू और गांव के दूसरे लोगों ने पांचों का पीछा किया और उन्हें पड़ोसी गांव बनकटी में पकड़ लिया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, झा ने बताया कि गुस्साए गांव वालों ने सिराबुद्दीन अंसारी (35) और मुर्तजा अंसारी (30) को पीट-पीटकर मार डाला। हालांकि तीन अन्य भागने में सफल रहे।

इस मामले में अभी तक मूर्मू सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। चारों पर हत्या और दंगे की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। झा ने बताया कि एक मजिस्ट्रेट समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल गांव में तैनात किया गया है। गांववालों के अनुसार पांचों ने 13 भैंसें चुराईं थीं।

जिले के एसपी राजीव रंजन सिंह के मुताबिक मारे गए दोनों लोग इसी जिले के तलझारी गांव के रहने वाले थे।

गौरतलब है कि पुलिस इसे चोरी का सामान्य मामला मान रही है।

महाराष्ट्र: भीड़ ने लुटेरासमझ कर दो लोगों की पीट-पीटकर की हत्या

सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे फर्जी संदेशों को सही मानकर कर भीड़ ने कथित तौर पर दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह शर्मनाक घटना महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में हुई है। पीटीआई के मुताबिक, जिले के वैजापुर तालुका के चंदगांव गांव में आठ जून को लुटेरे होने के संदेह में ग्रामीणों की एक भीड़ ने दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी और 7 अन्य जख्मी हो गए। घायलों में एक की हालत नाजुक बताई जा रही है।

पुलिस ने कहा कि कम से कम 1,500 ग्रामीणों की भीड़ ने डंडों से नौ लोगों पर हमला कर दिया। ग्रामीणों ने बीते शुक्रवार की सुबह गांव के एक खेत के पास इन लोगों को पकड़ा था। वैजापुर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि ‘लुटेरों के गिरोह’ की मौजूदगी के कुछ फर्जी मेसेज वॉट्सऐप पर फैलाए जा रहे थे और इन्हीं अफवाहों के कारण यह घटना हुई।

सहायक पुलिस इंस्पेक्टर राम हरि यादव ने कहा, “अफवाहें फैलने के बाद ग्रामीण रात के वक्त चौकसी बरत रहे थे।” उन्होंने कहा कि एक ग्रामीण से 'लुटेरों के एक गिरोह’ को पकड़ने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस के गांव पहुंचने पर उन्होंने नौ लोगों को जमीन पर पड़े देखा। उन्हें बुरी तरह पीटा गया था। इन नौ लोगों को गांव से 70 किलोमीटर दूर औरंगाबाद में सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ले जाने से पहले पुलिस उन्हें वैजापुर के ग्रामीण अस्पताल ले गई थी। दो घायलों ने नौ जून को ही दम तोड़ दिया जबकि एक अन्य व्यक्ति जिंदगी-मौत के बीच जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि मृतकों की पहचान भरत सोनावने और शिवाजी शिंदे के रूप में हुई है। पुलिस ने इस मामले में हत्या और हत्या की कोशिश के आरोपों में 400 से ज्यादा ग्रामीणों पर मामला दर्ज किया है। लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने कहा कि वॉट्सऐप और अन्य सोशल मीडिया साइटों पर फर्जी संदेश के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

बढ़ते भीड़ के खतरे..

देश के अलग-अलग हिस्सों से भीड़ द्वारा हत्या करने की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। पिछले महीने दो अलग-अलग घटना में तेलंगाना में कुछ ग्रामीणों ने चोर होने के संदेह में दो लोगों की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं, बीते शुक्रवार को असम के कार्बी आंगलांग जिले में दो लोगों को ‘बच्चा चोर’ बताकर भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला था। इसके पहले मार्च में झारखंड की एक अदालत ने जून 2017 में एक मुस्लिम व्यापारी की पीट-पीट कर हत्या के लिए एक स्थानीय भाजपा कार्यकर्ता सहित 10 लोगों को दोषी करार दिया था। आरोपियों ने रामगढ़ जिले में एक गाड़ी में गौमांश ले जाने के शक में 55 वर्षीय व्यक्ति की पीट कर हत्या कर दी थी। साल 2017 में झारखंड में मॉब लिंचिंग की लगभग आधा दर्जन घटनाएं हुई हैं।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad