हरियाणा के फोर्टिस अस्पताल में डेंगू बुखार से पीड़ित बच्ची की मौत के बाद अस्पताल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
हरियाणा सरकार ने डेंगू बुखार से पीड़ित सात साल की बच्ची आद्या सिंह के इलाज के लिए 16 लाख का बिल थमाने वाले गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल का लीज कैंसल कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने अस्पताल की जमीन का लीज रद्द करने का आदेश दिया है। इसके अलावा अस्पताल के ब्लड बैंक का लाइसेंस पहले ही रद्द कर दिया गया है। अस्पताल के खिलाफ आपराधिक लापरवाही के लिए एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
We are going to lodge an FIR against Fortis for criminal negligence on their part. Will also write to IMA to cancel their license. Moreover we have also given a notice for cancellation of blood bank in that hospital: Haryana Health Minister Anil Vij on Fortis Gurugram dengue case pic.twitter.com/cRR0yBeNv3
— ANI (@ANI) December 6, 2017
उल्लेखनीय है कि आद्या सिंह का लगभग 2 हफ्ते तक फोर्टिस अस्पताल में इलाज हुआ था लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके। अस्पताल प्रशासन ने इस इलाज के लिए 16 लाख रुपए का बिल दिया था। सोशल मीडिया में इस खबर पर काफी हंगामा मचने के बाद हरियाणा सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद ये कार्रवाई की गई है। बता दें कि आद्या सिंह के पिता जयंत सिंह को जब बेटी की बुखार के बारे में बता चला तो उसे 28 अगस्त को द्वारका के रॉकलैंड अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस अस्पताल में आद्या का इलाज किया गया, लेकिन दो दिन बाद उसे गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। इस हॉस्पिटल में आद्या को आईसीयू में रखा गया, उसे इनक्यूबेटर पर रखा गया लेकिन 15 दिनों के बाद उसकी मौत हो गई।
आद्या के पिता का कहना है कि अस्पताल के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। सुशांत लोक पुलिस स्टेशन के एसएचओ गौरव फोगट का कहना है कि उन्हें शिकायत मिल गई है, वे एफआईआर दर्ज करने से पहले प्राथमिक जांच करेंगे। शिकायत में जयतं सिंह ने अस्पताल को गैर इरादतन हत्या का दोषी ठहराया है।अस्पताल ने उनकी बेटी के इलाज में आपराधिक लापरवाही की है। इसके अलावा जयंत सिंह ने अस्पताल पर जालसाजी, धोखाधड़ी और बेइमानी का भी आरोप लगाया है।
जयंत सिंह का आरोप है कि वह अस्पताल को MRI और सीटी स्कैन करने को कह रहे थे लेकिन अस्पताल उन्हें दवाइयां दे रहा था। 14 सितंबर को जब MRI की गई तो डॉक्टरों ने कहा कि बच्ची का 80 फीसदी ब्रेन डैमेज हो चुका है और उसे अब बॉडी प्लाजमा ट्रांसप्लांट की जरूरत है, जिसमें 16 लाख रुपए लगेंगे। सात साल की आद्या की उसी दिन मौत हो गई थी। अस्पताल ने इलाज के लिए 15,79,322 रुपए का बिल दिया था।