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अनुच्छेद 35A पर बोले राजनाथ सिंह, 'हम लोगों की भावनाओं के खिलाफ नहीं जाएंगे'

गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 2 साल में वह 3-4 बार कश्मीर आ चुके हैं और अगर 50 बार भी आने की जरूरत होगी तो आएंगे।
अनुच्छेद 35A पर बोले राजनाथ सिंह, 'हम लोगों की भावनाओं के खिलाफ नहीं जाएंगे'

केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह चार दिवसीय जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। उन्होंने सोमवार को कहा कि पिछले एक वर्ष में कश्मीर घाटी में हालात में काफी सुधार हुआ है और वह कश्मीर की समस्या सुलझाने में मदद करने के इच्छुक किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं। दो दिन कश्मीर घाटी में बिताने के बाद वे सोमवार को जम्मू पहुंचे।


जम्मू पहुंचने से पहले राजनाथ ने संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर मुद्दे का स्थाई समाधान 5 सी, सहानुभूति, संवाद, सहअस्तित्व, विश्वास बहाली और स्थिरता पर आधारित है।

अनुच्छेद 35ए पर उठे विवाद पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'हम लोगों की भावनाओं के खिलाफ नहीं जाएंगे। अब कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए ऐसे मुद्दों को उठाया जा रहा है।' 

गृह मंत्री ने कहा, 'दहशतगर्दों ने कश्मीर की कई पीढ़ियों को बर्बाद किया है। हम अब एक और पीढ़ी को बर्बाद नहीं होने देंगे। गरीब ज्यादा इसके शिकार हुए हैं। भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में मेसेज चला गया कि कश्मीर के हालात ठीक नहीं हैं इसलिए पर्यटन के लिए नहीं जाना चाहिए। यहां के हालात देखने के बाद मैं दुनियाभर के पर्यटकों से अपील करना चाहता हूं कि कश्मीर के लोग आपका इस्तकबाल करने के लिए तैयार हैं। कश्मीर के लोग इसे फिर से जन्नत बनाना चाहते हैं।' 

उन्होंने कहा, ‘‘यहां शिष्टमंडलों से मिलने और बैठकों के बाद, मुझे लगता है कि कश्मीर में हालात काफी सुधरे हैं। मैं यह दावा नहीं करना चाहता कि सबकुछ बिल्कुल ठीक है, लेकिन हालात सुधर रहे हैं, यह मैं दृढ़ विश्वास के साथ कह सकता हूं।’’ केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ बातचीत की है और वह सेना के जवानों से भी मिलेंगे।



गृह मंत्री ने कहा कि पिछले 2 साल में वह 3-4 बार कश्मीर आ चुके हैं और अगर 50 बार भी आने की जरूरत होगी तो आएंगे। उन्होंने कहा, 'यहां सुख-समृद्धि के लिए सारे प्रयास करूंगा। कितनी भी बाधाएं क्यों न हों। हम जम्मू-कश्मीर की समस्या को सुलझाना चाहते हैं।' 15 अगस्त के पीएम मोदी के भाषण की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा, 'कश्मीर की समस्या का समाधान न गोली से होगा न गाली से होगा, केवल लोगों को गले से लगा कर होगा। इसी को आगे बढ़ाने के लिए मैं प्रयत्नशील हूं। 2 दिनों में लगभग 55 प्रतिनिधिमंडल हमसे मिले। मैं सभी स्टेकहोल्डर्स से बात करना चाहूंगा। यहां आने के बाद सिविल सोसाइटी के कई डेलिगेशन मिले। स्टूडेंट, टीचर और लीडर्स भी मिले और सबसे बातचीत हुई।'

यह पूछने पर कि क्या सरकार अलगाववादियों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, गृहमंत्री ने कहा, ‘‘मैं ऐसे किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हूं जो कश्मीर की समस्या सुलझाने में हमारी मदद करने को इच्छुक है। औपचारिक न्योता देने का कोई सवाल नहीं उठता। जो बात करना चाहते हैं, वह स्वयं आगे आयें। मैं हमेशा खुले मन के साथ यहां आता हूं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे किसी पक्षकार को बाहर नहीं रखना चाहती, जिनके साथ बातचीत की जानी चाहिए।

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