अंसारी ने कहा कि महिला आधिकारिता और उनके विकास के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ बढ़ते अपराध और उनके साथ हो रहा भेदभाव चिंता पैदा करता है। सभापति ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर रोक लगाने, उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार देते हुए समाज में सम्मानजनक दर्जा दिए जाने की वकालत की। महिला आरक्षण दिवस पर शून्यकाल के दौरान अपनी बात रखने के लिए नोटिस देने वाली सभी महिला सांसदों को आज शून्यकाल में पहले बोलने का मौका दिया गया।
कांग्रेस सदस्यों ने नौ मार्च 2010 को संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान उच्च सदन में महिला आरक्षण विधेयक पारित किए जाने का श्रेय लिया और सरकार से जानना चाहा कि लोकसभा में पूर्ण बहुमत होने के बावजूद वह आखिर क्या कर रही है। आज से छह साल पहले राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया था और तब से यह विधेयक लोकसभा में लंबित है। उप सभापति पी जे कुरियन ने महिला आरक्षण मुद्दे पर चर्चा कराने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा क्या हम अप्रत्यक्ष दबाव डाल सकते हैं ताकि विधेयक (लोकसभा में) पारित हो सके।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। इस पर कुरियन ने सदस्यों से कहा कि वह चर्चा के लिए नोटिस दें। अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा कि मंत्री होने के नाते वह शून्यकाल में बोलने के लिए नोटिस नहीं दे सकतीं लेकिन वह इस मुद्दे पर बोलना चाहती हैं। नजमा ने कहा कि लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने पर सबसे पहले वर्ष 1995 में चर्चा हुई थी और मार्च 2010 में राज्यसभा में इसके लिए एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया गया था। लेकिन अब यह विधेयक लोकसभा में लंबित है। उन्होंने कहा मुझे उम्मीद है कि इस साल विधेयक जरूर पारित होगा और कानून का रूप लेगा।
नजमा ने कहा कि उन्हें तब खुशी मिलेगी जब एक आम महिला को उसके अधिकार मिलेंगे। उन्होंने कहा कि आधी आबादी लगातार भेदभाव की शिकार हो रही है और सदन को एक ऐसा समाज बनाने का संकल्प लेना चाहिए जहां महिलाओं की सुरक्षा हो। अब न केवल महिलाओं के लिए बल्कि पुरूषों के लिए भी महिला अधिकारिता के बारे में बोलने का समय आ गया है। उन्हें भी अब बोलना चाहिए। उप सभापति कुरियन ने कहा कि राज्यसभा इस बात को लेकर गौरवान्वित हो सकती है कि उसने महिला आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी। हम सभी उम्मीद और आकांक्षा करते हैं कि यह विधेयक पारित हो कर महत्वपूर्ण कानून का रूप ले।