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जल सहेलियां महाकुम्भ में साझा करेंगी अपना अनुभव

प्रयागराज महाकुम्भ में न सिर्फ आध्यात्म और परंपराओं का संगम हो रहा है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय...
जल सहेलियां महाकुम्भ में साझा करेंगी अपना अनुभव

प्रयागराज महाकुम्भ में न सिर्फ आध्यात्म और परंपराओं का संगम हो रहा है, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय संदेशों के प्रसार के लिए भी यहां मंच सज रहे हैं। मकर संक्रांति के स्नान के बाद महाकुम्भ क्षेत्र में जल संरक्षण का संदेश देने और इससे जुड़े मसलों पर चर्चा के लिए देश के कई सामाजिक, गैर सरकारी संगठनों और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में काम रही संस्थाओं का संगम होगा। जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाली बुंदेलखंड की जल सहेलियां भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर अपने अनुभव साझा करेंगी।

मन की बात में हो चुकी प्रशंसा :

जल संरक्षण के क्षेत्र में समूह बनाकर कार्य कर रहीं जल सहेलियों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में सराहना कर चुके हैं। जल संरक्षण के क्षेत्र में इनके योगदान के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी इन जल सहेलियों को सम्मानित कर चुके हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों में इन जल सहेलियों ने जल संरक्षण और जागरूकता के क्षेत्र में कार्य किए हैं। महाकुंभ में जल संरक्षण पर होने वाली चर्चा में एक ओर ये महिलाएं अपने अनुभव साझा करेंगी तो दूसरी ओर देश के अलग-अलग हिस्सों में हो रहे प्रयासों से भी अवगत होंगी।

जल जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि मकर संक्रांति के स्नान के बाद महाकुम्भ में जल संरक्षण पर चर्चा के लिए जल संरक्षण कार्यकर्ताओं और संगठनों का कार्यक्रम आयोजित किया जाना है। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रहे लोग अपने अनुभव साझा करेंगे। बुंदेलखंड की जल सहेलियां भी इस आयोजन में हिस्सा लेने महाकुम्भ पहुंचेंगी।

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