कर्नाटक सरकार में मंत्री शिवानंद पाटिल ने शुक्रवार को बसवाना बागेवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप में अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर को सौंप दिया।
यतनाल ने पाटिल को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी।
पाटिल ने अपने इस्तीफे में कहा कि यतनाल ने उन्हें चुनौती दी थी कि वह विजयपुरा सिटी विधानसभा क्षेत्र से विधायक पद से इस्तीफा देकर उनके खिलाफ बसवाना बागेवाड़ी क्षेत्र से चुनाव लड़ें।
पाटिल ने कहा, “मैंने उनकी (यतनाल की) चुनौती स्वीकार कर ली और चुनाव में उनके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है।”
उन्होंने कहा, “इसलिए, मैं बसवाना बागेवाड़ी से विधायक पद से इस्तीफा दे रहा हूं, जिसका मैं प्रतिनिधित्व कर रहा हूं।”
पाटिल ने कहा, “इसलिए, मैं आपसे (अध्यक्ष से) अनुरोध करता हूं कि मेरा इस्तीफा तभी स्वीकार करें जब चुनौती के अनुसार बसंगौड़ा पाटिल यतनाल अपने विधायक पद से इस्तीफा दे दें और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाए।”
यतनाल ने 2023 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार के रूप में विजयपुरा शहर क्षेत्र से जीत हासिल की थी।
भाजपा ने हाल ही में यतनाल को बार-बार अनुशासन का उल्लंघन करने के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
अध्यक्ष खादर ने कहा कि पाटिल के इस्तीफे की जांच की जाएगी और संविधान व नियमों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।
खादर ने कहा, “उन्होंने (पाटिल) यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि यह उनके आत्म सम्मान का सवाल है, क्योंकि उन्हें चुनौती दी गई थी। देखते हैं क्या होता है।”