अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के महाधिवक्ता और भारत में नामित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने पिछले कई वर्षों से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यालय के साथ संवाद करने की बात स्वीकार की है।
कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) से बात करते हुए पन्नू ने स्वीकार किया कि एसएफजे ट्रूडो के कार्यालय के संपर्क में था और कनाडा की धरती पर भारत द्वारा चलाए जा रहे कथित जासूसी नेटवर्क का ब्यौरा दे रहा था।
रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) के आयुक्त माइक डुहेम द्वारा हाल ही में लगाए गए आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर पन्नू ने कहा, "यह न्याय और कानून के शासन के प्रति कनाडा की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सिख फॉर जस्टिस पिछले दो-तीन वर्षों से प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ संवाद कर रहा है और सभी जासूसी नेटवर्क का ब्यौरा दे रहा है। कनाडा सरकार को कई वर्षों तक जानकारी देने के बाद, जब पीएम ट्रूडो ने अपनी बात रखी, तो वह सकारात्मक था और न्याय की दिशा में एक कदम आगे बढ़ा था।"
पन्नू ने कहा कि कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों को निष्कासित करना केवल शुरुआत थी। उसके मुताबिक, "हमें लगता है कि वैंकूवर और टोरंटो में भारतीय वाणिज्य दूतावासों को स्थायी रूप से बंद कर दिया जाना चाहिए। भारत द्वारा उनके रिक्त पदों को भरने के लिए अन्य राजनयिकों को भेजने से जासूसी नेटवर्क खत्म नहीं होने वाला है। यह कनाडा की संप्रभुता के लिए एक सीधी चुनौती है।"
दरअसल, सोमवार को, RCMP आयुक्त माइक डुहेम ने आरोप लगाया कि भारतीय सरकार के एजेंट कनाडा में व्यापक हिंसा में शामिल रहे हैं, जिसमें हत्याएं और जबरन वसूली, धमकी और जबरदस्ती के कार्य शामिल हैं। डुहेम ने कहा कि भारतीय राजनयिक और वाणिज्य दूतावास के अधिकारी इन हिंसक कार्रवाइयों से जुड़े थे, जिनका लक्ष्य दक्षिण एशियाई समुदाय, विशेष रूप से खालिस्तानी समर्थक कार्यकर्ता थे।
RCMP ने भारत सरकार और बिश्नोई गिरोह के बीच संबंधों का भी आरोप लगाया, जो एक आपराधिक संगठन है जिसने कनाडा में कुछ समूहों को निशाना बनाया है।