उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मणिपुर को लेकर कुछ छिपाना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि लोकतंत्र को धीरे धीरे खत्म किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी टैरिफ लगाया गया, लेकिन सरकार ने इस विषय को संसद में उठाने नहीं दिया।
खरगे ने आरोप लगाया कि ‘मित्रों को’ सरकारी उपक्रम बेचे जा रहे हैं, जिससे वंचित तबकों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने दावा किया, "अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन यह सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को बेचकर जाने वाले हैं।"
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि चुनाव आयोग से लेकर संसद तक सरकार का विस्तार करने का प्रयास हो रहा है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में कहीं ईवीएम नहीं है, यह सिर्फ भारत में है।
खरगे ने कहा, "आपने (सत्तापक्ष ने) ऐसी तकनीक बना ली है जिससे आपको फायदा और विपक्ष को नुकसान होगा। अगर ऐसा ही रहा तो नौजवान उठेंगे और आपका हाथ पकड़कर कहेंगे कि ईवीएम नहीं होनी चाहिए।"
उन्होंने मतदाता सूची में कथित हेरफेर का हवाला देते हुए दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जैसी जालसाजी हुई, वैसी कभी नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में भी यह छोटे पैमाने पर हुआ।
खरगे ने कहा कि इसके खिलाफ लड़ना है।
उन्होंने सरकार पर देश के संघीय ढांचे पर हमले और विपक्ष शासित राज्यों के साथ पक्षपात का आरोप लगाया।
इस अधिवेशन का विषय "न्याय पथ : संकल्प-समर्पण-संघर्ष" है। गुजरात में 64 साल के बाद कांग्रेस का अधिवेशन हो रहा है।
इस अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए एक शोक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें देश के लिए उनके योगदान का उल्लेख किया गया है। सिंह का पिछले साल 26 दिसंबर को निधन हो गया था।
कांग्रेस के कई अन्य नेताओं को भी श्रद्धांजलि दी गई जिनका हाल के महीनों में निधन हुआ है।