राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने "पीएफआई प्रतिबंध" को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखा हमला किया है। उन्होंने आरएसएसको एक ''हिंदू चरमपंथी संगठन'' बताया और कहा कि पीएफआई से पहले इसपर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए था।
लालू यादव ने यह टिप्पणी एक कड़े आतंकवाद विरोधी कानून के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके कई सहयोगियों पर प्रतिबंध के बारे में पत्रकारों के सवालों के जवाब में की।
लालू यादव ने कहा, "वे पीएफआई के हौसले को बढ़ाते रहते हैं। यह आरएसएस है, जो हिंदू चरमपंथ ('कट्टारपंथ') को बढ़ावा देता है और यह पहले प्रतिबंधित होने के योग्य है।"
प्रसाद, जो अपनी पार्टी के संगठनात्मक चुनावों के सिलसिले में दिल्ली में दूर हैं, ने दोहराया कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का "सफाया हो जाएगा"
बता दें कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। पीएफआई पर कथित तौर पर हिंसा की एक श्रृंखला में शामिल होने और आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकवादी समूहों के साथ "लिंक" होने का आरोप लगाया गया है।