महाराष्ट्र गृह विभाग ने एक बयान जारी कर कहा है वो कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन उल्लंघन से जुड़े मामलों में दर्ज किए गए सभी केस लेगी। गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिलने कहा कि गृह विभाग ने यह फैसला लिया है कि उल्लंघन से जुड़े सभी केस फौरन वापस लिए जाए।
गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा, "राज्य के गृह विभाग ने तालाबंदी के आदेश के उल्लंघन के लिए छात्रों, नागरिकों के खिलाफ तालाबंदी के दौरान आईपीसी 188 के तहत दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। कैबिनेट द्वारा निर्णय को मंजूरी मिलने के बाद, मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होगी।"
गौरतलब है कि जिस वक्त महामारी अपने चरम पर थी और तेजी देश में फैल रही थी तब सरकार ने इसके रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने के अलावा सरकार ने कड़े नियम-कानून बनाए थे जिसका उल्लंघन करने वालों पर मुकदमे दर्ज कर कानूनी शिकंजा भी कसा गया। इन्हीं मामलों पर महाराष्ट्र सरकार ने फैसला लेते हुए कहा है सभी केस वापस लिए जाएंगे।
महाराष्ट्र गृह विभाग का यह फैसला उन हज़ारों लोगों के लिए राहत की बात होगी जिन्होंने बंदी के दौरान नियमों का उल्लंघन किया था। इन लोगों को अब कोर्ट और थाने के चक्कर काटने से छुटकारा मिल जाएगा।