मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है। आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे-पाटील ने मंगलवार शाम अपना अनशन तोड़ दिया। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील के हाथों राज्य सरकार का जीआर (सरकारी आदेश) मिलने के बाद जूस पीकर अनशन समाप्त किया।
जरांगे ने पांचवें दिन अपना आंदोलन खत्म किया। इससे पहले उन्होंने सरकार को रात 9 बजे तक का अल्टीमेटम दिया था। मंत्री विखे-पाटील ने उन्हें कैबिनेट सब-कमेटी की ओर से तैयार प्रस्ताव सौंपा, जिसे आंदोलनकारियों ने स्वीकार कर लिया।
सरकार ने हैदराबाद और सातारा गजट लागू करने पर सहमति जताई है, जिसके तहत मराठवाड़ा के मराठों को कुणबी माना जाएगा और इस तरह उन्हें ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलेगा। साथ ही, पिछले साल जारी ‘सगे सोयरे’ (खून और वैवाहिक रिश्तेदार) का नोटिफिकेशन भी लागू किया जाएगा।
राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मामले सितंबर के अंत तक वापस ले लिए जाएंगे और आंदोलन में जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।
अनशन तोड़ने के तुरंत बाद जरांगे को स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। इस बीच, मुंबई के आज़ाद मैदान और अन्य इलाकों में उनके समर्थकों ने जीत का जश्न मनाया।