मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो सरकार बदलने की जरूरत पड़ेगी। महाराष्ट्र में संभवत: अगले महीने विधानसभा चुनाव होंगे क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
जरांगे ने विजया दशमी (जिसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है) के अवसर पर बीड के नारायणगढ़ में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि समुदाय के खिलाफ साजिश रची जा रही है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि हम आपके बच्चों, आपके समुदाय, आपके किसानों के लिए न्याय नहीं पाते हैं, तो हमें बदलाव लाने की जरूरत है।’’ हालांकि जरांगे ने अपनी भविष्य की रणनीति का खुलासा नहीं किया।
जरांगे ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले वह सभी समुदायों के मुद्दों का समाधान करे। उन्होंने कहा कि आरक्षण की मांग पिछले 14 महीनों से लंबित है और अब तक एक भी मांग पूरी नहीं हुई है।
जरांगे ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि गरीब मराठों को आरक्षण दिया जाए। हर जाति ने केंद्र और राज्य की सुविधाओं का लाभ उठाया है। कुछ लोगों ने दावा किया कि कोटा देने से दूसरों के आरक्षण को नुकसान पहुंचेगा।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें खत्म करने के लिए षड्यंत्र रचे जा रहे हैं और उन्हें हर तरफ से घेरने की कोशिश की जा रही है।