बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कहा कि मराठा आरक्षण आंदोलन की वजह से पूरा मुंबई ठप हो गया है। अदालत ने टिप्पणी की कि यह आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं है और सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है। साथ ही मराठा आरक्षण आंदोलन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल और उनके समर्थकों को निर्देश दिया कि 2 सितंबर तक सड़कें खाली कर दी जाएं।
पीटीआई के अनुसार, हाईकोर्ट ने कहा, “हम जरांगे और उनके समर्थकों को मौका दे रहे हैं कि वे तुरंत स्थिति को सुधारें और मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली कर सफाई सुनिश्चित करें।” अदालत ने हालात को "गंभीर" बताया।
विशेष सुनवाई में न्यायमूर्ति रविंद्र घुगे और गौतम अंखड की पीठ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने तय शर्तों का उल्लंघन किया है। उन्हें आज़ाद मैदान में रहना था लेकिन वे दक्षिण मुंबई की कई अहम सड़कों पर कब्जा कर बैठे।
पीठ ने कहा, “देखिए यह कितना शांतिपूर्ण प्रदर्शन है। हाईकोर्ट की इमारत घेर ली गई है। जज और वकीलों के प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए हैं। हाईकोर्ट के जजों की गाड़ियां रोकी गईं और उन्हें अदालत आने से रोका गया। पूरा शहर जाम हो गया है।”
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि जरांगे-पाटिल और उनके समर्थकों को आगे आंदोलन जारी रखने की वैध अनुमति नहीं है। ऐसे में राज्य सरकार को कानून के अनुसार उचित कदम उठाने चाहिए।
अदालत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा कि सड़कों को अब तक क्यों नहीं खाली कराया गया। पीठ ने कहा कि जरांगे-पाटिल का ‘अनशन पर बैठना’ एक स्पष्ट धमकी है।
पीठ ने कहा, “उन्होंने कहा है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, वे मुंबई नहीं छोड़ेंगे और आमरण अनशन पर रहेंगे। यह एक स्पष्ट धमकी है। राज्य सरकार सड़कों को खाली क्यों नहीं करा रही?”