राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) काउंसलिंग सत्र को अगली सूचना तक के लिए टाल दिया गया है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि काउंसलिंग प्रक्रिया 6 जुलाई, 2024 से शुरू होगी। हालांकि, एमसीसी ने नीट यूजी काउंसलिंग 2024 के लिए विस्तृत अधिसूचना और शेड्यूल साझा नहीं किया।
एममबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित करने वाली एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय 5 मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक समेत कई मुद्दों को लेकर छात्रों और राजनीतिक दलों द्वारा मीडिया में बहस और विरोध के केंद्र में रहे हैं।
नीट यूजी का रिजल्ट 14 जून को जारी किए जाने वाले थे लेकिन इसे नियत समय से 10 दिन पहले यानी 4 जून को ही घोषित कर दिए गए। एनटीए ने बताया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन पहले ही पूरा हो गया था। इसके अलावा, एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक केंद्र से छह छात्र शामिल हैं, जिससे अनियमितताओं का संदेह पैदा हो गया है।
नीट यूजी में ग्रेस मार्क्स पाने वाले कम से कम 1,563 उम्मीदवारों को दोबारा परीक्षा देने के लिए कहा गया था। हालांकि, उनमें से 750 ने इसे छोड़ दिया। कथित पेपर लीक की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दी गई, जिसने अब तक मुख्य साजिशकर्ता अमन सिंह सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी के दोबारा आयोजन का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया। इसने तर्क दिया कि इस तरह के कदम से शैक्षणिक कैलेंडर बाधित होगा और कदाचार के व्यापक सबूतों की कमी के कारण यह अनावश्यक है।
इसका समर्थन करते हुए, एनटीए ने भी उसी दिन शीर्ष अदालत में अलग से एक हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि परीक्षा रद्द करना “प्रतिकूल” होगा और मेधावी छात्रों के करियर की संभावनाओं को खतरे में डाल देगा।