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अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन पर विपक्ष का हंगामा, एस जयशंकर ने कहा- ऐसा पहली बार नहीं हुआ

विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर...
अमेरिका से भारतीयों के निर्वासन पर विपक्ष का हंगामा, एस जयशंकर ने कहा- ऐसा पहली बार नहीं हुआ

विपक्षी दलों के कई सांसदों ने अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को वापस भेजने के तरीके को लेकर बृहस्पतिवार को सरकार की आलोचना की तथा प्रवासियों के साथ किए जा रहे व्यवहार पर सवाल उठाए। बुधवार को एक अमेरिकी सैन्य विमान 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा। अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई के तहत डोनाल्ड ट्रंप सरकार द्वारा निर्वासित भारतीयों का यह पहला जत्था है।

निर्वासित लोगों ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उनके हाथ-पैरों में हथकड़ी लगी रही और अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें खोला गया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव समेत विपक्षी सांसदों ने अमेरिकी अधिकारियों द्वारा भारतीयों के साथ किए गए व्यवहार के विरोध में संसद परिसर में प्रदर्शन किया। विपक्ष के कुछ नेताओं ने हथकड़ी पहनकर विरोध प्रदर्शन किया।

विपक्ष के हमलों के बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सरकार उचित समय पर अपनी राय रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह एक नीतिगत फैसला है और विपक्ष को इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।’’ इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि ये कार्रवाई अमेरिकी नियमों के अनुसार हुई है। यह पहली बार नहीं हुआ। इससे पहले भी अवैध भारतीयों को स्वदेश भेजा जा चुका है।

राज्यसभा में इस संबंध में एक बयान देते हुए जयशंकर ने यह भी कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ दुर्व्यवहार न हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह सभी देशों का दायित्व है कि यदि उनके नागरिक विदेश में अवैध रूप से रह रहे पाए जाते हैं तो वे अपने नागरिकों को वापस लें। यह नीति केवल एक देश पर लागू नहीं है। निर्वासन की प्रक्रिया कोई नयी नहीं है, यह कई वर्षों से है।’’

जयशंकर ने अमेरिका से अब तक भारत निर्वासित किए गए लोगों के आंकड़े भी सदन के समक्ष रखे। उन्होंने कहा कि साल 2009 में 734, साल 2010 में 799, साल 2011 में 597, साल 2012 में 530 भारतीयों को निर्वासित किया गया। उन्होंने इस संबंध में 2024 तक के आंकड़े साझा किए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम यह सुनिश्चित करने के लिए अमेरिका की सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं कि निर्वासित लोगों के साथ दुर्व्यवहार नहीं हो। हमारा ध्यान अवैध प्रवासन उद्योग के खिलाफ मजबूत कार्रवाई पर होना चाहिए।’’

सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि जिस तरह से भारतीयों को वापस भेजा गया, वह सरकार की ‘‘बेबसी’’ को दर्शाता है।

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘महिलाओं के साथ जो व्यवहार किया गया और उन्हें अपराधियों की तरह हथकड़ी लगाकर वापस लाया गया... हम देश का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए देश की प्रतिष्ठा से ज्यादा उनकी व्यक्तिगत छवि महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह एक काला दिन है... प्रधानमंत्री चुप हैं।’’

कांग्रेस के एक अन्य नेता के. सी. वेणुगोपाल ने आश्चर्य जताया कि भारत और अमेरिका के बीच राजनयिक संबंध ऐसी स्थितियों को टालने में क्यों काम नहीं आ रहे हैं।

लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमने इस मुद्दे पर संसद में कार्य स्थगन का नोटिस दिया है।’’

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि अमेरिका को वहां अवैध रूप से रह रहे लोगों को वापस भेजने का कानूनी अधिकार है, लेकिन जिस तरह से उन्हें वापस भेजा गया, हम उसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इस काम के लिए असैन्य विमान का इस्तेमाल किया जा सकता था।

तृणमूल कांग्रेस के सांसद कीर्ति आजाद ने भी भारतीयों को वापस भेजने के तरीके पर सवाल उठाया और इस घटना को ‘‘पीड़ादायक’’ बताया।

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