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पहलगाम आतंकी हमला: कलमा न पढ़ने पर मारी गोली, जानें इसका अर्थ और महत्व

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कई बातें सामने आई हैं। हमले के दौरान मौजूद चश्मदीदों के अनुसार...
पहलगाम आतंकी हमला: कलमा न पढ़ने पर मारी गोली, जानें इसका अर्थ और महत्व

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कई बातें सामने आई हैं। हमले के दौरान मौजूद चश्मदीदों के अनुसार आतंकियों ने पर्यटकों से कलमा पढ़ने को कहा और जो लोग कलमा नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई। कई लोग घायल हुए। पिछले 30 सालों में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला था। आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी। 

दरअसल, इस्लाम में कलमा को काफी अहम माना जाता है। इस धर्म में कुल छह कलमा हैं। यह एक अरबी शब्द है इसे धार्मिक घोषणा कह सकते हैं। इसका मतलब वचन या शपथ होता है। बतादें कि इस्लाम के पांच स्तंभों में से पहला और सबसे महत्वपूर्ण है। इस्लाम के पांच स्तंभ कलमा, नमाज, रोजा, जकात और हज हैं। कलमा इस्लाम का आधार है, जो एक अल्लाह में विश्वास करता है और पैगंबर मोहम्मद की नबूवत को स्वीकार करता है। इसे मुसलमानों के लिए आस्था का प्रतीक कहा गया है। ऐसे में इस्लाम को मानने वाले सभी लोग छह कलमा पढ़ते हैं। इसके अर्थ को विस्तार से जानेंगे।

पहला कलमा (तय्यिब), "ला इलाहा इल्लल्लाह, मुहम्मदुर रसूलुल्लाह" - अल्लाह के अलावा कोई भी पूजनीय नहीं हैं और मोहम्मद अल्लाह के दूत हैं।

दूसरा कलमा (शहादत), अश्हदु अल्ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीका लहु, व अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहु व रसूलुहु - व्यक्तिगत गवाही देता है कि अल्लाह अकेला है और मुहम्मद उनके दूत हैं।

तीसरा कलमा (तमजीद), सुभानल्लाहि वलहम्दु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर - अल्लाह की महिमा, प्रशंसा और सर्वोच्चता का बखान करता है।

चौथा कलमा (तौहीद), ला इलाहा इल्लल्लाहु वहदहु ला शरीका लहु, लहुल मुल्कु व लहुल हम्दु, युह्यी व युमीतु व हु व हय्युन ला यमूतु, बियदिहिल खैरु, व हु व अला कुल्लि शयइन कदीर - एक ईश्वर की सर्वशक्तिमत्ता और अकेलेपन पर जोर देता है।

पांचवां कलमा (इस्तिगफार), अस्तगफिरुल्लाह रब्बी मिन कुल्लि ज़ंबिन व अतुबु इलैहि -पापों की माफी मांगने और पश्चाताप का प्रतीक है।

छठा कलमा (रद्द-ए-कुफ्र), अल्लाहुम्मा इन्नी अऊज़ु बिका मिन अन उशरिका बिका शयअन व अना आलमु, व अस्तगफिरुका लिमा ला आलमु - अविश्वास और नैतिक बुराइयों से दूरी की घोषणा करता है।

पहलगाम में कलमा नहीं पढ़ा तो मार दी गोली

इस्लाम में कलमा पढ़ना पवित्र माना जाता है। लेकिन हमलावरों ने हिन्दू पर्यटकों  को कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया और जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी। कुछ को धर्म पूछकर या हिंदू प्रतीकों जैसे कलावा देखकर निशाना बनाया गया। इस क्रूर घटना ने आतंकवाद की बर्बरता को उजागर किया। देशभर में गुस्सा और शोक है। सरकार ने कड़ी कार्रवाई का वादा किया है, और सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है।

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