पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने शुक्रवार को कहा कि भारत के साथ सैन्य संघर्ष को रोकने पर बनी सहमति कायम है और ‘‘हम इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं’’।
खान ने यह भी कहा कि दोनों सेनाओं के पास सैन्य संचालन महानिदेशकों के माध्यम से संवाद करने का एक रास्ता है, जिसके माध्यम से वे सेनाओं की तैनाती के संदर्भ में तनाव कम करने के लिए काम कर रहे हैं।
खान ने दावा किया कि भारत की ओर से भड़काऊ बयान जारी करना ‘‘बेहद अविवेकपूर्ण’’ था।
उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र में बढ़ते तनाव के समय में इस तरह की बयानबाजी करना बेहद अविवेकपूर्ण है, जो भड़काऊ और उत्तेजक है। हमने भारत को इससे दूर रहने के लिए बार-बार आगाह किया है।’’
भारत द्वारा सिंधु जल संधि को स्थगित करने को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने सैद्धांतिक रुख पर कायम है कि सिंधु जल संधि में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जो इसे एकतरफा तौर पर निलंबित या निरस्त करने की अनुमति दे।
खान ने यह भी दावा किया कि भारत द्वारा हाल में की गई सैन्य कार्रवाई के बावजूद पाकिस्तान ने कभी भी करतारपुर गलियारे को बंद नहीं किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय पक्ष सात मई से तीर्थयात्रियों को तीर्थयात्रा सुविधा देने की अनुमति नहीं दे रहा है।
खान ने अफगानिस्तान के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि सभी संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श के बाद पाकिस्तान यह निर्णय लेगा कि अफगानिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कब और कैसे आगे बढ़ाया जाए।