ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को कहा कि उसने वक्फ (संशोधन) विधेयक के खिलाफ 17 मार्च को यहां जंतर-मंतर पर धरने का आयोजन किया है, जिसमें विभिन्न मुस्लिम संगठनों और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ ही विपक्ष के कई सांसदों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा की सांप्रदायिक राजनीति में उसकी सहयोगी पार्टियां भी साथ दे रही हैं।’’
इलियास ने कहा कि बोर्ड के प्रतिनिधियों ने जनवरी और फरवरी में तेदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जद(यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार से मुलाकात कर उनसे सहयोग मांगा था, लेकिन ये दोनों दल फिलहाल इस विषय पर सरकार के साथ नजर आ रहे हैं।
उनके मुताबिक, संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को करीब पांच करोड़ मुसलमानों ने ई-मेल के माध्यम से अपनी राय बताई, लेकिन सबकुछ नजरअंदाज कर दिया गया।
उन्होंने इस बात को दोहराया कि यह विधेयक पारित हुआ, तो राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
माना जा रहा है कि सरकार मौजूदा सत्र (बजट सत्र का दूसरा चरण) में यह विधेयक संसद में पेश कर सकती है।