प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चंडीगढ़ दौरे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। आज प्रधानमंत्री ने चंडीगढ़ हवाई अड्डे के नए टर्मिनल का उद्घाटन किया और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च यानी पीजीआईएमईआर के 34वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा उन्होंने एक वहां एक रैली को भी संबोधित किया। लेकिन प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर पूरा चंडीगढ़ ठहर-सा गया। स्थानीय प्रशासन ने आज शहर के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए थे। विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे को तूल दिए जाने के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर चंडीगढ़ की जनता से खेद जताया है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि उनकी यात्रा से चंडीगढ़ की जनता को हुई असुविधा, खासकर स्कूलों के बंद का उन्हें खेद है। लोगों को जो असुविधा हुई, उससे पूरी तरह से बचा जा सकता था। विवाद बढ़ने के बाद पूरे मामले की जांच के आदेश भी दिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि इस बारे में जवाबदेही तय करने के लिए जांच के आदेश दिए जायेंगे।
मोदी के कार्यक्रमों के चलते शमशान घाट जैसी जगहों पर भी पाबंदी की वजह से स्थानीय नागरिकों का गुस्सा फूटा। यातायात संबंधी बाधाओं, वीवीआईपी मार्ग पर विभिन्न बाजारों के पार्किंग स्थलों में गाड़ी खड़ी करने पर प्रतिबंध और वाहनों के यातायात को मोड़ने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे पहले कभी भी प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति की यात्राओं के दौरान शहर में स्कूलों को बंद रखने का आदेश नहीं दिया गया था।
जो लोग सेक्टर 25 में स्थित शहर की मुख्य श्मशान भूमि का इस्तेमाल करना चाहते थे, उन्हें भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा क्योंकि यह जगह को मोदी के रैली के मद्देनजर पार्किंग में तब्दील कर दिया गया था। एेसी खबरें मिली हैं कि मृतकों के परिजनों से अंतिम संस्कार कुछ घंटे के लिए टालने के लिए कहा गया। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा, प्रशासन को कम से कम सेक्टर 25 में स्थित श्मशान भूमि में प्रवेश पर लगी रोक को लेकर पूर्व नोटिस देना चाहिए था।
- एजेंसी इनपुट