प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जटिल सामाजिक बुराई को देखते हुए उन्होंने हरियाणा से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना का आगाज किया था। तब उन्होंने हरियाणा वासियों से बेटियों की जान की भीख मांगी थी। खुशी है कि प्रदेश वासियों ने उनके संकल्प की लाज रखी। उनकी प्रार्थना और प्रदेश सरकार के प्रयासों से हरियाणा, देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले द्रुत गति से गिरते लिंगानुपात को सुधारने में आज अव्वल है।
उन्होंने हरियाणा में खुले में शौच जाने की चिंताजनक दशा पर भी अफसोस जताया। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के कामकाज की तारीफ करते हुए नसीहत दी कि मार्च तक हरियाणा को खुले में शौच मुक्त करना असल में हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष मनाना होगा। उन्होंने कहा कि 21 वीं सदी में समृद्ध प्रदेश की मां-बहनें खुले में शौच जाएं, इससे शर्म की बात कोई और हो ही नहीं सकती।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में हरियाणा वासियों को मुखातिब करते हुए कि उन्हें समीक्षा करनी चाहिए कि वे जिस मुकाम को हासिल करने के लिए पंजाब से अलग हुए, उसे पाने में वे कहां तक कामयाब रहे। उन्हाेंने प्रदेश वासियों को हरियाणा के विकास में अपने स्तर से योगदान देने के लिए एक कदम बढ़ाने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि यदि हर हरियाणवी एक-एक कदम बढ़ाएगा तो प्रदेश ढाई करोड़ कदम आगे बढ़ेगा। फिर हरियाणा को कोई पछाड़ नहीं सकता। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोग कृषि, सेना, व्यापार में आगे हैं। अब उन्हें दूसरे क्षेत्रों में भी आगे आना चाहिए, तभी हरियाणा नंबर एक बनेगा।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने स्वर्ण जयंती पर डाक टिकट और सलम बस्तियों में रहने वालों के लिए प्रदेश की दीन दयाल जन आवास योजना का लोकार्पाण किया। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सिंह सोलंकी एवं मुख्यमंत्री खट्टर ने भी अपने विचार रखे। समारोह में राधेमोहन सिंह, वीके नायडू, वीके सिंह, कृष्णपाल गुुर्जर, राव इंद्रजीत सिंह सहित कई केंद्रीय मंत्रियों के अलावा प्रदेश के मंत्री मौजूद थे।
एक कदम बढ़ाएं, दिल्ली आपके कब्जे में
प्रधामंत्री मोदी भाषण दें और सियासी बातें न हों, ऐसा संभव नहीं। गैर राजनीतिक कार्यक्रम हरियाणा स्वर्ण जयंती समारोह में भी वेे इशारों-इशारों में दिल्ली पर कब्जा करने की बात करना नहीं भूले। उन्हाेंने दिल्ली में हरियाणा वासियों के प्रभाव का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली के चारों तरफ हरियाणा है। यदि वे एक-एक दम बढ़ाते हैं तो दिल्ली उनके कब्जे में होगी। राष्ट्रीय राजधानी पर कब्जा करने का मतलब है देश पर प्रभाव जमाना।