खालिस्तानी समर्थक और 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह अब भी पुलिस पकड़ से दूर है। उसकी तलाश में पंजाब पुलिस सर्च ऑपरेशन चला रही है। लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर अपना स्थान बदल रहा है, उसकी कई तस्वीरें अलग-अलग जगहों से मिली हैं, जिसकी पड़ताल में पुलिस लग गई है।
वहीं, गुरुवार को सरकार ने आदेश जारी कर फिरोजपुर और तरन तारन में इंटरनेट बैन की सीमा 24 मार्च दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दी है जबकि अमृतसर में मोगा, संगरूर, अजनाला उप-संभाग और मोहाली के कुछ इलाकों में पाबंदियां हटा दी गईं। पंजाब के अन्य हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं 21 मार्च को बहाल कर दी गई थीं। गृह विभाग तथा न्याय विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए आदेशानुसार, तरन तारन और फिरोजपुर में जन सुरक्षा, हिंसा के किसी भी उकसावे को रोकने और शांति बनाए रखने के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक की अवधि बढ़ा दी गई है ।
सरकार द्वारा आदेश में यह कहा गया है कि सभी मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी एसएमएस सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली वॉयस कॉल के अलावा सभी डोंगल सेवाएं पंजाब के तरन तारन तथा फिराजपुर में 23 मार्च (दोपहर 12 बजे से) से 24 मार्च (दोपहर 12 बजे) तक सार्वजनिक सुरक्षा के हित में, किसी भी तरह की हिंसा को रोकने, शांति तथा सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए निलंबित कर दी जाएं।
आदेशानुसार, ब्रॉडबैंड सेवाओं को निलंबित नहीं किया जा रहा है ताकि बैंकिंग सुविधाएं, अस्पताल सेवाएं और अन्य आवश्यक सेवाएं बाधित न हों। खालिस्तान समर्थक कट्टर उपदेशक अमृतपाल सिंह के नेतृत्व वाले 'वारिस पंजाब दे' के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद पंजाब के अधिकारियों ने पिछले हफ्ते राज्य में इंटरनेट और एसएमएस सेवाओं को निलंबित कर दिया था। जालंधर जिले में सिंह के काफिले को रोके जाने के बाद वह वहां से भाग निकला था।