लंदन में इलाज करा रहे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सक्रिय राजनीति से हटकर एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। इस महीने के दूसरे हफ्ते में लंदन से लौटने के बाद कैप्टन अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस के भाजपा में विलय करने की घोषणा कर सकते हैं। इलाज के बाद कैप्टन इन दिनों लंदन में आराम कर रहे हैं।
दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर को सितंबर 2021 में कांग्रेस हाईकमान ने सीएम पद से हटा दिया। कैप्टन ने पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से नई पार्टी। अमरिंदर की पार्टी से गठबंधन में भाजपा भी सिर्फ 2 सीटों पर सिमट गई जबकि कैप्टन की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई थी और कैप्टन खुद अपनी परंपरागत सीट पटियाला से आम आदमी पार्टी के विजयी उम्मीदवार के मुकाबले कैप्टन अपनी जमानत भी नहीं बचा पाए।
80 की उम्र में नई पार्टी के दम पर अगली सियासी पारी के लिए दम खम खोने वाले कैप्टन पंजाब की सक्रिय राजनीति में रहने की बजाय भाजपा में शामिल हो कर किसी संवैधानिक पद की तलाश में थे। पंजाब विधानसभा चुनाव में पति के समर्थन में खुलकर प्रचार करने वाली कैप्टन अमरिंदर सिंह की सांसद पत्नी परनीत कौर अभी भी कांग्रेस में बनी हुई हैं।
राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी समुदाय से आने वाली उम्मीदवार द्रोपदी मुरमु के बाद एनडीए ने 2024 के लोकसभा चुनाव में सिख समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए कैप्टन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने की तैयारी है। कैप्टन उपराष्ट्रपति बनते हैं तो ज्ञानी जेल सिंह के बाद इस पद पर आसीन होने वाले वे दूसरे सिख होंगे। कैप्टन के सहारे देश के 2 फीसदी सिख मतदाताओं और पंजाब को साधने की कोशिश है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा पंजाब में मजबूत जीत दर्ज करना चाहती है। अगला निशाना 2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों पर है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    