240 टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का उत्तरी भारत का सबसे बड़ा आक्सीजन प्लांट हरियाणा के पानीपत में होने के बावजूद प्रदेश में आक्सीजन की किल्लत से कोरोना संक्रमित मरीज अस्पतालों में दम तोड़ रहे हैं। किल्लत के चलते अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति समय पर न होने से पिछले 24 घंटे में पलवल में सात,गुड़गांव व रेवाड़ी में चार-चार और फरीदाबाद,पानीपत के अस्पतालों में दो-दो मरीजों ने दम तोड़ दिया। सोनीपत के खानपुरकलां मेडिकल कॉलेज,करनाल के कल्पना चावला और रोहतक के पीजीआई मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की किल्ल्त बनी हुई है।
हालांकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक दिन पहले ही कहा था, “ऑक्सीजन का कोटा तय कर दिया है, प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी नहीं आने देंगे। अधिकारियों को सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं”,पर अस्पतालों का आक्सीजन का कोटा अभी तय नहीं हुआ है। पंचकूला के एक निजी अस्पताल के प्रबंधन का कहना है कि कोटा तय करना भी सही उपाय नहीं हैं क्योंकि ऑक्सीजन स्पोर्ट पर आने वाले गंभीर मरीजों की संख्या के हिसाब से ही ऑक्सीजन की खपत होगी इसलिए पूर्व कोटा तय करने का कोई तर्क नहीं है। इससे भी अस्पताल का संकट दूर होने वाला नहीं है।
इधर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमित नए 11578 मरीज पाए गए हैं जबकि 81 मरीजों की मौत हो गई। पानीपत के दो निजी अस्पतालों में करीब 60 मरीज ऑक्सीजन स्पोर्ट पर हैं पर दो घंटे की ऑक्सीजन बची होने से यहां के मरीजाें की सांसे समय पर ऑक्सीजन आपूर्ति पर अटकी हैं। ऑक्सीजन और दवाओं की किल्लत बारे गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का कहना है अस्पतालों की जरूरत मुताबिक सिलेंडर भेजे जा रहे हैं। जहां किल्लत है वहां के संबंधित एडीसी के नेतृत्व में जांच टीम देखेगी कि सिलेंडर की आपूर्ति समय पर हो।