कोरोनावायरस के चलते हिमाचल प्रदेश ने अपने सभी विधायकों और मंत्रियों के वेतन और भत्तों में 30 % कटौती लागू करने हेतु बिल आज विधान सभा ने पारित कर दिया।
इसके अन्तर्गत मांत्रियों, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक, विधानसभा सदस्यों एवम राज्य में अन्य उच्चपदस्थो के 30% वेतन भत्तों पर सरकार का हक होगा।
हालांकि इस के पूर्व विपक्ष ने इसका विरोध किया था पर आज बिल पर सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस ने इसका समर्थन किया।
चर्चा के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक सुखविंदर सिंह सुख्खू ने कहा कि 30 की जगह सदस्यों की 50 फ़ीसदी वेतन भत्ते काटे जाएं ताकि जिस समाज से लेते रहे है उस समाज को कुछ योगदान दें सकें।
बीजेपी के कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि जो सदस्य 50 फ़ीसदी वेतन भत्ते दे सकते है व दे जो देने में असमर्थ है वह न दें।
सीपीआईएम के एक मात्र ठियोग के विधायक राकेश सिंघा ने भी सुख्खू की बात का समर्थन किया ओर कहा कि ऐसे वक्त में हमें समाज को जितना हो सके देना चाहिए। लेकिन विधायकों की विधायक निधि बहाल की जाए। संसोधन विधेयक को सलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए।
किन्नौर से कांग्रेस विधेयक जगत नेगी ने बिल की चर्चा में कहा कि 30 फ़ीसदी से बढ़ाने के लिए बिल सलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। साथ ही जो पैसा कट रहा उसका सही इस्तेमाल हो क्योंकि सरकार चैयरमेन लगाकर तो ये सिद्ध कर रही है कि प्रदेश में आर्थिक संकट नही है। हमीरपुर से बीजेपी के विधायक नरेंद्र ठाकुर ने सुझाब दिया की जो 30 फ़ीसदी कट के साथ ही विधेयक पारित किया जाए बाकी जो सदस्य जितना वेतन कटवाना चाहे अपनी सामर्थ्य से कटवा सकता है।
चर्चा के दौरान मुख्य मंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कारोना ने सारे विश्व को प्रभावित किया है कुछ कम तो कुछ ज़्यादा प्रभावित हुए। मुख्यमंत्री ने माना कि अब जो 30 फीसदी कटने का तय हुआ है उतना ही काटा जाएगा जो ज़्यादा देना चाहे वह स्वेच्छा से दे सकता है। इसी के साथ संसोधन विधेयक पारित कर दिया गया।