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आरआईएल के उपाध्यक्ष मोहनन दस्तावेज लीक मामले में संदिग्धः सीबीआई

सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत को बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के उपाध्यक्ष (वित्त) के. वी. मोहनन और मुंबई की कानूनी फर्म चितले एंड एसोसिएट्स के राजेन्द्र चितले दस्तावेज लीक मामले में संदिग्ध हैं।
आरआईएल के उपाध्यक्ष मोहनन दस्तावेज लीक मामले में संदिग्धः सीबीआई

एजेंसी ने दोनों गिरफ्तार आरोपियों चार्टर्ड अकाउंटेंट खेमचंद गांधी और परेश चिमनलाल बुद्धदेव की पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस. सी. राजन को यह जानकारी दी। गांधी और परेश चितले एंड एसोसिएट्स में भागीदार हैं। अभियोजक ने अदालत से कहा कि मोहनन और चितले का परेश और गांधी से आमना-सामना कराना जरूरी है ताकि आरोपियों के बीच वृहद् षड्यंत्र का भंडाफोड़ किया जा सके।

सीबीआई ने यह भी कहा कि मामले में विभिन्न लोगों को बड़ी राशि का भुगतान किया गया और उनकी पहचान की जा रही है। अभियोजक ने कहा, हिरासत में पूछताछ के दौरान दो और संदिग्धों आरआईएल के उपाध्यक्ष :वित्त: के. बी. मोहनन और मेसर्स चितले एंड एसोसिएट्स के राजेन्द्र चितले को भी गुरुवार को बुलाया गया और दोनों संदिग्धों की खेमचंद गांधी और परेश चिमनलाल बुद्धदेव के साथ आमना-सामना कराए जाने की जरूरत है।

दोनों आरोपियों के लिए उपस्थित होने वाले वकील ने सीबीआई की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि एजेंसी ने दो दिनों की पुलिस हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग करते हुए कोई कारण नहीं बताया है। न्यायाधीश ने दलीलें सुनने के बाद गांधी और परेश की सीबीआई हिरासत 21 मार्च तक बढ़ा दी। सुनवाई के दौरान चार आरोपी अशोक कुमार सिंह, लाला राम शर्मा, दलजीत सिंह और रामनिवास को अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने कहा कि उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए क्योंकि उन्हें हिरासत में लेकर उनसे और पूछताछ की जरूरत नहीं है।

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