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जम्मू-कश्मीर के घने जंगलों में आतंकवादियों की तलाश जारी, 24 लोग हिरासत में

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाश अभियान बुधवार को...
जम्मू-कश्मीर के घने जंगलों में आतंकवादियों की तलाश जारी, 24 लोग हिरासत में

जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले में हुए हमले में शामिल आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाश अभियान बुधवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। इस दौरान कम से कम 24 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। इस हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे।

अधिकारियों ने बताया कि कठुआ के अलावा चार जिलों के घने जंगलों में रुक-रुककर हो रही भारी बारिश के बीच सेना और पुलिस का तलाश अभियान जारी है। उन्होंने कहा कि यह अभियान तीन अलग-अलग इलाकों- कठुआ, उधमपुर और भद्रवाह से शुरू किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने घात लगाकर किए गए हमले के सिलसिले में पूछताछ के लिए 24 लोगों को हिरासत में लिया है। उन्होंने कहा कि माना जा रहा है कि आतंकी जंगल में छिपे हैं और उन्हें पकड़ने या फिर मार गिराने के प्रयास जारी हैं।उन्होंने कहा कि डोडा जिले के ऊंचे इलाकों में एक और तलाश अभियान जारी है, जहां कठुआ में घात लगाकर किए गए हमले के एक दिन बाद मंगलवार शाम आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी।

कठुआ में घात लगाकर किए गए हमले से संबंधित तलाश अभियान के बारे में अधिकारियों ने बताया कि उधमपुर, सांबा, राजौरी और पुंछ जिलों के घने जंगलों के विभिन्न भागों में सेना एवं पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि सांबा के लाला चक, राजौरी के मंजाकोट इलाके और पुंछ के सुरनकोट इलाके में बुधवार की सुबह नया तलाश अभियान शुरू किया गया।

सोमवार को आतंकवादियों ने कठुआ जिला मुख्यालय से करीब 150 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार के बदनोटा गांव के पास मचेड़ी-किंडली-मल्हार पहाड़ी मार्ग पर गश्ती दल पर घात लगाकर हमला कर दिया था, जिसमें पांच सैन्यकर्मी शहीद गए और पांच अन्य घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह की ओर से सुरक्षाकर्मी इलाके की चुनौतीपूर्ण स्थलाकृति, घने जंगल और प्राकृतिक गुफाओं के कारण सावधानी से आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सेना के विशेष बल ‘पैरा’ इकाई के कर्मियों को भी विशिष्ट क्षेत्रों में ‘सर्जिकल ऑपरेशन’ के लिए तैनात किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान दलों के साथ हेलीकॉप्टर और यूएवी निगरानी भी है। इसके अलावा, खोजी श्वान दस्तों को तैनात किया गया है और क्षेत्र के विशेष रूप से घने जंगल वाले इलाकों में मेटल डिटेक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम ने घात लगाकर किए गए हमले के स्थान का दौरा किया और वह जांच में पुलिस की सहायता कर रही है।

डोडा के तलाश अभियान के बारे में अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और सेना के जवान घडी भगवा वन क्षेत्र में तलाशी अभियान चला रहे हैं, जो डोडा शहर से लगभग 35 किलोमीटर पूर्व में स्थित है और किश्तवाड़ जिले की सीमा पर है। अधिकारियों ने बताया कि दो आतंकवादियों की तलाश के लिए अभियान बुधवार सुबह फिर से शुरू हुआ, जिनके बारे में माना जाता है कि वे मंगलवार की मुठभेड़ में घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

कठुआ के बदनोटा में घात लगाकर किए गए हमले की पृष्ठभूमि में बदनोटा और इसके आस-पास के गांवों के निवासियों ने कहा कि वे अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने मांग की है कि आत्मरक्षा के लिए और आतंकवादियों की ओर से उत्पन्न खतरों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ग्राम रक्षा समूहों को मंजूरी दी जानी चाहिए।

स्थानीय निवासी जगदीश राज ने कहा, ‘‘सरकार को हमें हथियार और प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए, हम आतंकवादियों के खिलाफ अपनी सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए तैयार हैं।’’ छात्र पंकज (20) ने कहा कि घात लगाकर किए गए हमले ने स्थानीय लोगों में भय पैदा कर दिया है, लेकिन ‘‘जब आपके हाथ में हथियार होते हैं तो स्थिति पूरी तरह बदल जाती है।’’ उन्होंने क्षेत्र के स्थानीय युवाओं के लिए विशेष भर्ती अभियान की मांग करते हुए कहा, ‘‘हम तेजी से जंगलों में जा सकते हैं और आतंकवाद के खतरे से निपटने में मदद कर सकते हैं।’’

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