सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कल देशभर में कई स्थानों पर सुरक्षा एजेंसियों को फिर से मॉक-ड्रिल करने का निर्देश दिया है। देश की सुरक्षा एजेंसियां मंगलवार शाम को गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर सुरक्षा अभ्यास (drills) करने जा रही हैं। इन अभ्यासों का उद्देश्य आतंकी हमलों या अन्य आपात परिस्थितियों में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया देने की तैयारी को परखना है।
अधिकारियों ने बताया कि यह ड्रिल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) के समन्वय में आयोजित की जा रही है और इसमें सेना, पुलिस, एनएसजी, NDRF समेत कई एजेंसियां भाग लेंगी।
ड्रिल के दौरान क्या होगा?
ड्रिल के दौरान नकली आपात स्थितियां बनाई जाएंगी — जैसे आतंकी हमला, बम धमाके, बंधक स्थिति आदि। इस पर सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया, बचाव कार्य, क्षेत्रीय समन्वय और आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था का परीक्षण किया जाएगा।
लोगों को क्यों किया गया सतर्क?
इन अभ्यासों के दौरान आवाजाही पर कुछ समय के लिए रोक लग सकती है या भारी पुलिस बल की तैनाती देखी जा सकती है। ऐसे में अफवाहों से बचने और घबराहट से दूर रहने की अपील की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक अभ्यास है, असली आपात स्थिति नहीं।
NSCS का बयान
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “इस तरह के अभ्यास समय-समय पर जरूरी होते हैं ताकि देश की आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को जांचा और बेहतर किया जा सके। आम जनता से सहयोग और धैर्य की अपेक्षा है।”
इन क्षेत्रों में होगा ड्रिल:
गुजरात: कच्छ और अहमदाबाद क्षेत्र
राजस्थान: जैसलमेर और बीकानेर
पंजाब: अमृतसर और पठानकोट
जम्मू-कश्मीर: जम्मू और श्रीनगर
सुरक्षा के लिहाज़ से अहम समय
यह अभ्यास उस समय किया जा रहा है जब देश में चुनावी गतिविधियां, तीव्र गर्मी और सीमावर्ती इलाकों में हलचलें बनी हुई हैं। ऐसे में यह ड्रिल सरकार की तैयारी को परखने का एक अहम कदम मानी जा रही है।
लोगों से अपील की गई है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें, बिना पुष्टि के किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें और किसी भी असामान्य गतिविधि की जानकारी तुरंत स्थानीय अधिकारियों को दें।