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शिमला संजौली मस्जिद विवाद, वक्फ बोर्ड ने 2006 का एक दस्तावेज अदालत में पेश किया

हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को जिला अदालत में 18 साल पुराना एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें लतीफ...
शिमला संजौली मस्जिद विवाद, वक्फ बोर्ड ने 2006 का एक दस्तावेज अदालत में पेश किया

हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने शुक्रवार को जिला अदालत में 18 साल पुराना एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें लतीफ मोहम्मद को विवादित संजौली मस्जिद के लिए गठित समिति का अध्यक्ष बताया गया है।

अदालत ने सोमवार को वक्फ बोर्ड को हलफनामा दायर कर यह बताने का निर्देश दिया था कि लतीफ मोहम्मद ने किस हैसियत से विवादित मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को गिराने की पेशकश की थी।

ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन (एएचएमओ) के वकील विश्व भूषण ने बताया कि इसके जवाब में वक्फ बोर्ड ने 2006 का एक दस्तावेज पेश किया, जिसमें लतीफ मोहम्मद को संजौली मस्जिद समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

उन्होंने कहा कि वक्फ अधिनियम के अनुसार समिति के सदस्यों का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है।

लतीफ ने पत्रकारों से कहा, "वक्फ बोर्ड ने अपने जवाब में कहा है कि मैं 2006 से संजौली मस्जिद समिति का अध्यक्ष हूं और नगर आयुक्त न्यायालय ने भी सितंबर में अध्यक्ष के तौर पर मुझे नोटिस दिया था।"

स्थानीय लोगों का एक वर्ग संजौली मस्जिद को गिराने की मांग कर रहा है। ग्यारह सितंबर को मस्जिद के कथित अवैध हिस्से के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान 10 लोग घायल हो गए थे।

एक दिन बाद, लतीफ मोहम्मद और अन्य लोगों ने मस्जिद की तीन ‘अनधिकृत’ मंजिलों को ध्वस्त करने की पेशकश करते हुए नगर आयुक्त से अनुमति मांगी थी।

नगर आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को अवैध हिस्सा ध्वस्त करने की अनुमति दी और काम पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया, जिसके बाद एएचएमओ ने जिला अदालत में आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी।

मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को तय की गई है।

 

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