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महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 11 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, पीएम मोदी ने थपथपाई फडणवीस की पीठ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के दूरदराज और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में...
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में 11 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, पीएम मोदी ने थपथपाई फडणवीस की पीठ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महाराष्ट्र के दूरदराज और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रयासों की सराहना की। 

यह घटना महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक करोड़ रुपये से अधिक के इनामी 11 नक्सलियों द्वारा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने के बाद घटित हुई है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने स्थानीय लोगों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस घटना से निश्चित रूप से 'जीवन की सुगमता' बढ़ेगी और क्षेत्र में और अधिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, "मैं दूरदराज और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार के प्रयासों की सराहना करता हूं। इससे निश्चित रूप से 'जीवन की सुगमता' बढ़ेगी और और भी अधिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। गढ़चिरौली और आसपास के क्षेत्रों के मेरे बहनों और भाइयों को विशेष बधाई!"

बुधवार को महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली विमला चंद्र सिदम उर्फ तारक्का समेत 11 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।

गढ़चिरौली पुलिस मुख्यालय में 8 महिलाओं और 3 पुरुषों समेत 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इन सभी पर 1 करोड़ रुपए से ज़्यादा का इनाम था। इसके अलावा छत्तीसगढ़ सरकार ने भी इन पर इनाम घोषित कर रखा था।

आत्मसमर्पण करने वालों में दंडकारण्य जोनल कमेटी के प्रमुख और भूपति की पत्नी तारक्का सिदाम भी शामिल थीं, जो 34 साल से नक्सलवाद में शामिल थे।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में तीन डिवीजन कमेटी सदस्य, एक डिप्टी कमांडर और दो एरिया कमेटी सदस्य शामिल थे। इनमें से प्रत्येक को नए जीवन के लिए 86 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। आत्मसमर्पण के समय मौजूद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया कि राज्य से नक्सलवाद का जल्द ही उन्मूलन हो जाएगा।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने गढ़चिरौली में पेनगुंडा पुलिस सहायता केंद्र का भी दौरा किया।

एएनआई से बात करते हुए, सीएम फडणवीस ने गढ़चिरौली क्षेत्र के परिवर्तन पर प्रकाश डालते हुए कहा, "गढ़चिरौली का यह क्षेत्र, जहां हम खड़े हैं, वहां एक सड़क भी नहीं थी और माओवादियों का यहां पूर्ण प्रभुत्व था। आज, उस प्रभुत्व को समाप्त करते हुए, हमने दो बड़ी चौकियां बनाई हैं और छत्तीसगढ़ से सीधे जुड़ने वाली एक सड़क और पुल का निर्माण किया है।"

उन्होंने कहा, "एक तरह से 75 साल बाद यहां के लोगों को राज्य परिवहन की बस देखने को मिलेगी। इसलिए मेरा मानना है कि यह बहुत महत्वपूर्ण दिन है। हमने कहा था कि गढ़चिरौली महाराष्ट्र का आखिरी जिला नहीं होगा, यह महाराष्ट्र का पहला जिला होगा और हमने इसकी शुरुआत कर दी है। अब माओवादियों को यहां नए लोग नहीं मिलते, भर्ती नहीं होती। बड़े कैडर आत्मसमर्पण कर रहे हैं, इसलिए यह समाप्ति की ओर बढ़ रहा है।"

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