हरियाणा सरकार से नाराज करीब 120 दलितों ने जींद में बौद्ध धर्म अपना लिया है। सरकार के द्वारा मांगे पूरी ना की जाने के बाद इन परिवारों ने दिल्ली के लद्दाख बौद्ध भवन में जाकर बौद्ध धर्म को अपनाया। दलित नेता दिनेश खापड़ ने बताया कि वह पिछले 113 दिनों से जींद में धरना दे रहे थे, लेकिन राज्य सरकार ने हमारी एक भी बात नहीं सुनी।
एएनआई के मुताबिक, खापड़ ने बताया, 'हरियाणा सरकार ने 7 मार्च को हमारी मांगें पूरी करने के लिए तैयार हो गए थे। हमने 20 मई को चेतावनी दी थी कि अगर एक हफ्ते में हमारी मांगें पूरी नहीं होतीं तो हम बौद्धा धर्म अपना लेंगे। हमने 27 मार्च को दिल्ली के लिए चलना शुरू किया और 2 जून को लद्दाख भवन में बौद्ध धर्म अपना लिया।'
क्या हैं मांगें?
दरअसल, इन सभी की मांग हैं कि गैंगरेप केस की सीबीआई जांच की जाए, ईश्वर हत्याकांड के परिजनों को नौकरी दी जाए, जम्मू में शहीद हुए दलित परिवार को नौकरी दी जाए और इसके अलावा एससी/एसटी एक्ट में अध्यादेश लाया जाए।
दिनेश खापड़ ने कहा कि जब सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना गया, तो उन्होंने बौद्ध धर्म अपना लिया। उनका आरोप है कि हिंदू समाज के ठेकेदार दलितों का शोषण करने में लगे हैं, ऐसे में धर्म बदलना मजबूरी बन गया था।
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में दलितों के खिलाफ हिंसा में बढ़ोतरी हुई है, इसके अलावा हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी/एसटी एक्ट में किए गए बदलाव के बाद भी दलितों का रोष देखने को मिला था।