भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी के अलग-अलग अंदाज के कारण उसके बेहिसाब फैंस हैं। मगर 18 साल के अजय गिल की दीवानगी की बात ही अलग है। हरियाणा के हिसार के जालन खेड़ी स्थिति अपने गांव से वह पैदल ही चल पड़ा धोनी से मिलने। 15-16 दिनों में करीब 1400 किलोमीटर का सफर कर रांची पहुंचा। 29 जुलाई को अपने गांव से चला था। रांची रिंग रोड के किनारे सिमलिया स्थिति फार्म हाउस ''वारा'' के बाहर देरतक इंतजार करता रहा, शायद कोई मिलवा दे। मगर निराशा हाथ लगी।
धोनी चेन्नई गए हुए हैं। आईपीएल के दूसरे चरण के अभ्यास के लिए। पांव में स्लीपर, हाथ में तिरंगा, पीठ पर बैकपैक, कंधे पर किट में बैट, गोलाकार छिले हुए सिर पर एक ओर धोनी तो दूसरी ओर माही, इसी अंदाज में पहुंचा था। जो टीशर्ट पहने था उस पर भी धोनी, पत्नी साक्षी और बेटी की तस्वीर थी।
थोड़ी लंगड़ाती हुई चाल मानों इतना लंबा पैदल चलने से पांव में छाले पड़ गये हों। उसका इरादा वहीं रुकने का था, मिलकर ही जाना चाहता था। बताया गया कि तीन माह बाद धोनी लौटेंगे तब वह वापसी के लिए तैयार हुआ। बताया गया कि एक स्थानीय कारोबारी ने उसकी वापसी की खातिर दिल्ली के लिए प्लेन के टिकट का इंतजाम किया।
वायरल वीडियो में धोनी के सिमलिया आवास के बाहर अजय यह कहता दिख रहा है कि मैं इतनी दूर से आया हूं, दस मिनट के लिए तो वे आ ही सकते हैं। मैं धोनी का बिगेस्ट फैन हूं, जबरा फैन हूं। होंगे उनके करोड़ों, लाखों फैन मगर मैं एक ऐसा बंदा हूं जो इतनी दूर से पैदल चलकर आया हूं। उनके लिये मैं जान भी दे सकता हूं। एक बार मिल जायें तो मेरी जिंदगी सेट हो जायेगी। फिर मैं टीम इंडिया के लिए खेल सकूंगा। जब से धोनी ने सन्यास लिया था मैंने क्रिकेट छोड़ खेलना दिया था।
कहना चाहता हूं कि आपने गलत किया सन्यास लेकर। दस दिन रोया था, आंसू नहीं रुके मेरे। खाना-पीना भी छोड़ दिया था। गांव में मेरे लोग चिढ़ाते थे, गुस्सा दिलाते थे कि एमएस धोनी जीरो पर आउट हो गया, एक रन पर आउट हो गया। तो मैं उन्हें जिंदगी से ही ब्लॉक कर देता था, कहता था बोलना मत मेरे साथ। धोनी के लिए आसी का मशहूर पेड़ा लेकर आया हूं।