उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में मेडिकल टीम और पुलिसकर्मियों पर पत्थर मारने के मामले में 7 महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मुरादाबाद के एसपी कुमार आनंद ने बताया कि आईपीसी की संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर लिया गया है और पथराव में शामिल दूसरे लोगों को पकड़ने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। यहां मंगलवार रात में कोरोना मरीज की मौत के बाद मेडिकल टीम लोगों को क्वारेंटाइन करने के लिए लेने गई थी, तभी लोगों ने घेरकर उन पर पथराव शुरू कर दिया। इस घटना के सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यतनाथ ने कहा है कि इस हमले में शामिल पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की जाएगी।
मेडिकल टीमों पर हमला करने के दौरान ऐंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त किया गया। ऐंबुलेंस में मौजूद डॉ. एससी अग्रवाल को खींचकर लोगों ने पीटना शुरू कर दिया। चारों तरफ से पथराव होने पर वहां मौजूद पुलिस के सिपाही भाग निकले। मेडिकल स्टाफ भी जान बचाकर वहां से भागे जबकि लोगों ने डॉक्टर की जमकर पिटाई की। मेडिकल स्टाफ ने बताया कि लोगों ने वहां उन लोगों को पीटने की पहले से ही तैयारी कर रखी थी।
आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई- सीएम योगी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्य कर्मियों एवं स्वच्छता अभियान से जुड़े कर्मियों पर हमला एक अक्षम्य अपराध है। सीएम ने कहा है कि ऐसे दोषी व्यक्तियों के खिलाफ आपदा नियंत्रण अधिनियम तथा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
आरोपियों से होगी नकुसान की भरपाई
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी जाएगी। मुख्यमंत्री के आदेश के मुताबिक, इस घटना में हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जाएगी।