तेलंगाना विधानसभा में हंगामा करने वाले दो कांग्रेसी विधायकों के. वेंकट रेड्डी और एस.ए. संपत कुमार को आज विधानसभा की सदस्यता से बर्खास्त कर दिया गया है। इन दोनों के अलावा नेता प्रतिपक्ष समेत 11 विधायकों को पूरे बजट सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। विधान परिषद में भी कांग्रेस के छह सदस्यों को निलंबित किया गया है। इन सभी ने सोमवार को विधानमंडल की संयुक्त बैठक में राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन के संबोधन के दौरान जमकर हंगामा किया था।
कांग्रेस के जिन दो विधायकों के वेंकट रेड्डी और संपत कुमार को बर्खास्त किया गया है उनपर पर राज्यपाल के संबोधन के दौरान आसन की ओर हेडफोन फेंकने का आरोप है। इससे परिषद के सभापति स्वामी गौड़ की आंख में चोट लगी थी। निलंबित किए गए कांग्रेस के सदस्यों में विधान सभा में विपक्ष के नेता के जना रेड्डी समेत कांग्रेस के 11 विधायक और विधान परिषद में विपक्ष के नेता शाबिर अली भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने दो विधायकों की बर्खास्तगी और 11 के निलंबन को उचित ठहराते हुए कहा कि हर चीज की एक सीमा होती है। उन्हें आसन पर कागज और हेडफोन नहीं फेंकनी चाहिए थी। अगर उन्हें कोई शिकायत थी तो इस पर चर्चा की जा सकती थी। हम हर विषय पर चर्चा के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी ने राज्यपाल के रहने के कारण उनका सम्मान करने और अनुसाशित रहने का फैसला किया था पर वे शांत नहीं रहे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का स्वागत किया।
We all together took a decision to maintain respect & discipline when Governor was here. But they didn't stay calm. I welcome the decision & appreciate the decision which you've taken: Telangana CM K. Chandrashekar Rao on 9 Congress MLAs suspended, 2 expelled from state Assembly pic.twitter.com/KY84SblW0B
— ANI (@ANI) 13 मार्च 2018
इससे वहले जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विधानसभा अध्यक्ष ने सोमवार की घटना पर गहरा क्षोभ जताया। संसदीय कार्यमंत्री टी. हरीश राव ने अलग से मुख्य विपक्षी दल के विधायकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के प्रस्ताव रखे। एक प्रस्ताव में कहा गया कि के. वेंकट रेड्डी और एस.ए. संपत कुमार का अनियंत्रित व्यवहार सदन की गरिमा और शिष्टाचार को प्रभावित करने वाला था। सदस्य के रूप में इनका विधानसभा में बने रहना सही नहीं है। एक अन्य प्रस्ताव में 11 विधायकों को चालू सत्र के अंत तक निलंबित रखने की बात कही गई।
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने बर्खास्त और निलंबित किए गए सदस्यों से बाहर जाने के लिए कहा। इनमें से कुछ तो स्वयं चले गए जबकि कुछ को मार्शल की सहायता से बाहर निकाला गया।
विधानसभा में एमआइएम के नेता अकबरुद्दीन ओवैसी इसे काला दिन बताते हुए कहा कि सदन की गरिमा और शिष्टाचार का हर हाल में पालन किया जाना चाहिए। भाजपा नेता जी. किशन रेड्डी ने कल की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया पर विधानसभा से जना रेड्डी के निलंबन का विरोध किया।