शनिवार शाम पांचवें आतंकवादी को मार गिराने के साथ ही सबेरे से चल रहा सुरक्षाबलों का ऑपरेशन पूरा हुआ। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ चार आतंकी ही मारे गए हैं। एक या दो आतंकियों के एयरबेस के आस-पास छिपे होने की आशंका के मद्देनजर दिन भर सर्च अभियान जारी रहा। बृहस्पतिवार को सेना की वर्दी पहने कुछ आतंकियों ने पठानकोट के पास गुरदासपुर के पुलिस अधीक्षक का अपहरण कर लिया था। माना जा रहा है कि एयरबेस पर हमला करने वाले वही आतंकवादी हैं जिन्होंने गुरदासपुर के एसपी का अपहरण किया था। वायुसेना स्टेशन तक पहुंचने के लिए उन्होंने एसपी से छीनी नीली बत्ती लगी गाड़ी का इस्तेमाल किया।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि हमला आज सुबह 3 बजे हमला हुआ। सेना और पंजाब पुलिस ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने माना कि हमले में पाकिस्तानी आतंकियों का हाथ होने के सबूत मिले हैं। हमले के बारे में पहले से ही खुफिया जानकारी थी, जिससे हमलावरों का मुकाबला करने में मदद मिली। उन्होंने पठानकोट ऑपरेशन की कामयाबी के लिए सेना और सुरक्षा बलों को बधाई दी है। वायुसेना ने एक बयान जारी कर बताया कि सही समय पर खुफिया सूचना मिलने और त्वरित कार्रवाई से पठानकोट वायुसेना स्टेशन में महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों को नष्ट करने की आतंकवादियों की संभावित योजना विफल हो गई है।
हैरानी की बात है कि खुफिया जानकारी होने के बावजूद आतंकी एयरफोर्स स्टेशन तक पहुंचने में कामयाब रहे। हालांकि सतर्क सुरक्षा कर्मियों ने हमलावरों का जमकर मुकाबला किया और आतंकियों को वायुसेना स्टेशन के टेक्नीकल एरिया में नहीं घुसने दिया। एयरफोर्स की कमांडो टीम 'गरुड़' भी ऑपरेशन में शामिल थी। आतंकियों को मार गिराने के लिए लड़ाकू हेलीकाॅप्टरों, एनएसजी कमांडो और एसडब्ल्यूएटी (स्वाट) के दलों को लगाया गया। आतंकी आत्मघाती हमला करने और हवाई पट्टी पर पहुंचने की फिराक में थे। लेकिन जब हमले को अंजाम देने में नाकाम रहे तो उन्होंने ग्रेनेड फेंके और जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी।
अग्रिम पंक्ति का एयरबेस है पठानकोट
हमले के बाद जम्मू, हिमाचल और चंडीगढ़ की ओर जाने वाली सड़कें सील कर दी गई हैं। जिस एयरफोर्स स्टेशन पर हमला हुआ वह मिग-29 और अटैक हेलीकॉप्टर का बेस और पाकिस्तान सीमा के सबसे नजदीक अग्रिम पंक्ति का एयरबेस है। यहां से पाकिस्तान की सीमा महज 30-35 किलोमीटर दूर है। इस इलाके में एक के बाद एक आतंकी हमलों ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उठा दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पूरे मामले पर नजर रखे हुए हैं। इस घटना के बाद देशभर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। डोभाल और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया।
लड़ाकू हेलीकाॅप्टरों का इस्तेमाल
पठानकोट में वायुसेना स्टेशन पर हमला करने वाले चार आतंकवादियों को मार गिराने के बाद कुछ घंटों की शांति के बाद दोबारा गोलीबारी की खबर आई। वायुसेना ने दो लड़ाकू हेलीकाॅप्टरों को अभियान में लगाया। आतंकियों के ठिकाने का पता लगाने के लिए ड्रोन की मदद भी ली गई।
सेना की वर्दी में आए आतंकी
सेना की वर्दी पहने पांच से छह हमलावार एक नीली बत्ती लगी महिंद्रा एसयूवी में सवार होकर एयरफोर्स स्टेशन तक पहुंचे और गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। संभवत: इनका इरादा वायुसेना स्टेशन के टेक्निकल एरिया में पहुंचकर तबाही मचाने का था। वायुसेना ने बताया कि जैसे ही आतंकवादियों का यह समूह पठानकोट वायुसेना पर पहुंचा, प्रभावी तैयारी और हवाई निगरानी की वजह से इसका पता चल गया। पठानकोट एयरबेस पर सेना की दो टुकड़ियां पहले से तैनात थीं।
पाकिस्तान से जुड़े हमले के तार
पठानकोट हमले के पीछे आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ होने का संदेह जताया जा रहा है। पिछले पांच महीने में पठानकोट के आसपास संदिग्ध पाकिस्तान आतंकियों का यह दूसरा बड़ा हमला है। जुलाई में गुरदासपुर जिले के दीनानगर पुलिस थाने पर सेना की वर्दी में आए आतंकियों ने इसी तरह हमला किया था। गुरदासपुर हमले और आज पठानकोट में हुए आतंकी हमले में कई समानताएं हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमलावर आतंकियों में से एक ने पाकिस्तान में अपने घर फोन पर बात की थी।
मोदी की लाहौर यात्रा के हफ्ते भर बाद बड़ा हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अचानक लाहौर यात्रा के महज एक हफ्ते बाद वायुसेना के एयरबेस पर बड़ा आतंकी हमला हुआ है। हमले में संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकियों के शामिल होने का असर दोनों देशों के बीच समग्र वार्ता पर असर भी पड़ सकता है। प्रधानमंत्री मोदी बेहद गर्मजोशी दिखाते हुए जन्मदिन पर नवाज शरीफ को बधाई देने लाहौर में उनके घर गए थे। लेकिन वायुसेना के एयरबेस पर हमले के बाद मोदी सरकार की पाकिस्तान नीति पर भी सवालों के घेरे में आ गई है। अतीत में खुद भाजपा पाक प्रायोजित आतंकवाद और पाकिस्तान के साथ बातचीत साथ-साथ चलने का विरोध करती रही है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि जिन तत्वों को शांति बर्दाश्त नहीं है वे इस तरह के हमले करते रहते हैं।