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असम के 644 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण, सीएम बोले- शांति के बिना प्रगति संभव नहीं

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में राज्य में प्रतिबंधित 8 संगठनों के 644 उग्रवादियों ने...
असम के 644 उग्रवादियों ने किया आत्मसमर्पण, सीएम बोले- शांति के बिना प्रगति संभव नहीं

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मौजूदगी में राज्य में प्रतिबंधित 8 संगठनों के 644 उग्रवादियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण किया है। पुलिस ने बताया कि उल्फा (आई), एनडीएफबी, आरएनएलएफ, केएलओ, भाकपा (माओवादी), एनएसएलए, एडीएफ और एनएलएफबी के सदस्यों ने एक कार्यक्रम में आत्मसमर्पण किया।

राज्य के मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “लोग खुश हैं कि आप असम के विकास के लिए मुख्यधारा में लौट आए हैं। आपने उन सभी को प्रेरित किया है जो लोकतंत्र में विश्वास करते है।”

‘शांति के बिना प्रगति संभव नहीं’

सर्बानंद सोनोवाल ने आगे कहा, “मैं अभी भी मुख्यधारा से बाहर के लोगों से अपील करता हूं कि आगे आईए और भारत को एक मजबूत देश बनाने की दिशा में काम कीजिए। शांति के बिना प्रगति संभव नहीं है। सभी देशों में विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन से शांति बनी रहती है और हमें ऐसा ही करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार आत्मसमर्पित उग्रवादियों के पुनर्वास के लिए अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाएगी। उन्हें मौजूदा सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।

किस संगठन से कितने उग्रवादी

बंगाली राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा (एनएलएफबी) से 301 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया जो सबसे अधिक है। वहीं, आदिवासी ड्रैगन फाइटर (एडीएफ) से 178 और राष्ट्रीय संथाल मुक्ति सेना (एनएसएलए) से 87 उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया। जबकि   यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-निर्भरता (उल्फा (आई) से 50, नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) से 8, कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (केएलओ) से 6, रावा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (आरएनएलएफ) से 13 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) से एक उग्रवादियों ने आत्मसमर्पण किया।

‘उग्रवादियों का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण’

पुलिस ने कहा कि आत्मसमर्पण किए गए उग्रवादियों ने 177 हथियारों के अलावा, 1.93 किलो विस्फोटक, 52 ग्रेनेड, 71 बम, तीन रॉकेट लांचर, 306 डेटोनेटर, दो आरटी सेट और 17 खुखरी सौंपे है। पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत ने कहा कि यह राज्य और असम के लिए महत्वपूर्ण दिन है। हाल के समय में यह सबसे बड़ा उग्रवादियों का आत्मसमर्पण है।

भास्कर ज्योति महंत ने आत्मसमर्पण किए उग्रवादियों को संबोधित करते हुए कहा, “कई सेना असम में शांति स्थापित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन आप उनसे आगे निकल आए। आपको विभिन्न मुद्दों पर पीड़ा हो सकती है लेकिन आपको एहसास हुआ कि जान लेने के बदले जान देना राज्य के विकास के लिए और अधिक महत्वपूर्ण है।”

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