अदालत के एक कर्मचारी ने अदालत कक्ष संख्या-55 में एक बैग देखा और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद जिलाधिकारी संजय कुमार तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शलभ माथुर के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम घटनास्थल पर पहुंची। बम निरोधक दस्ता भी घटनास्थल पर पहुंच गया, जो इस विस्फोटक सामग्री को निष्क्रिय करने के लिए उसे अदालत कक्ष से दूर ले गया।
अधिकारियों ने स्वीकार किया कि उच्च न्यायालय परिसर में यह एक सुरक्षा खामी का मामला है जहां 150 पुलिसकर्मी 24 घंटे तैनात रहते हैं और परिसर में विभिन्न जगहों पर 210 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। परिसर के भीतर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की एक कंपनी भी स्थाई रूप से तैनात है।
जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बाद में कहा, बैग में दो देसी बम थे जिन्हें निष्क्रिय कर दिया गया। इसके अतिरिक्त, इसमें पटाखे और छर्रे भी थे। उन्होंने कहा, ज्यादा संभावना है कि इस बैग को किसी ने शरारत करने के इरादे से रखा होगा। ऐसा प्रतीत होता है कि दीपावली के मद्देनजर अदालत के पांच दिन के लिए बंद होने के बाद यह बैग रखा गया होगा।
अधिकारियों ने कहा, विस्फोटक सामग्री को ऐहतियात के तौर पर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि देसी बम बहुत कम तीव्रता के थे और इनसे जानमाल के किसी बड़े नुकसान की आशंका नहीं थी।(एजेंसी)