जंगलों, पहाड़ों में ठिकाना बनाकर अपना ऑपरेशन चलाने वाले नक्सलियों के बारे में कई बार पुलिस को भी ठीक से जानकारी नहीं होती। ऐसा ही मामला सामने आया है।
झारखंड में प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआइ ( पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के एक लाख के इनामी एरिया कमांडर की मौत सड़क दुर्घटना में हो गई थी। उसके परिजनों ने एक माह पहले ही मौत के बाद उसे दफन कर दिया था। पुलिस को कोई भनक, खबर तक नहीं मिली। बाद में जेल में बंद एक एरिया कमांडर द्वारा दी गई जानकारी के बाद लाश को कब्र से निकाला गया तब पहचान हुई।
लापुंग के हुलसू बरटोली गांव का रहने वाला पीएलएफआइ के एरिया कमांडर गोपाल होरो की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने कर्रा नदी के किनारे दफना दिया। पुलिस को भनक तक नहीं लगी। गोपाल होरो लापुंग, कामडाररा, बसिया, जरियागढ़, करंज आदि इलाके में सक्रिय था। पुलिस के साथ मुठभेड़, हत्या, वसूली आदि कई मामलों में पुलिस को उसकी तलाश थी। उसके आतंक को देखते हुए पुलिस ने उसके सिर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
गुमला जिला के बसिया के पुलिस उपाधीक्षक दीपक कुमार के अनुसार गुमला जेल में बंद पीएलएफआइ के ही एरिया कमांडर लारा टोपनो को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही थी उसी दौरान उसने गोपाल होरे की मौत के बारे में जानकारी दी। तब पुलिस ने मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में कर्रा नदी के किनारे जा लाश को कब्र से निकाला और उसकी पहचान हुई। सिविल सर्जन को गोपाल होरो का डीएनए सुरक्षित रखने को कहा गया है।