आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिल्ली विधानसभा परिसर में रात भर रुकेंगे, उपराज्यपाल (एलजी) वी के सक्सेना के खिलाफ केवीआईसी अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान कथित रूप से प्रतिबंधित नोटों को बदलने के लिए जांच की मांग करेंगे।
आप विधायक दुर्गेश पाठक ने सोमवार को विधानसभा में आरोप लगाया था कि सक्सेना ने 2016 में अपने कर्मचारियों पर 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदलने के लिए दबाव डाला था, जब वह खादी ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष थे। आप के एक सूत्र ने कहा, "हम विरोध में दिल्ली विधानसभा में रात भर रुकेंगे और एलजी के खिलाफ जांच की मांग करेंगे।"
विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि नोटबंदी के दौरान जब लाखों लोगों के व्यापार तबाह हो गए और लोगों की नौकरियां चली गईं तब उपराज्यपाल 1400 करोड़ का घोटाला करने में व्यस्त थे। एलजी विनय सक्सेना का घोटाला उजागर करने वाले बहुत गरीब थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। हर फोरम में शिकायत की और कहा कि हमसे गलत काम कराया जा रहा है। इसके बावजूद जांच की अध्यक्षता खुद आरोपी ने की। दोनों शिकायतकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया गया और अपने भ्रष्ट साथियों का प्रमोशन कर दिया। उन्होंने मांग की है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ ईडी की रेड होनी चाहिए। ये मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है। एलजी के खिलाफ जब तक जांच चले तब तक इन्हें एलजी के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
आप विधायकों द्वारा एलजी पर लगाये गये इन आरोपों पर बीजेपी विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि एलजी ने सीएम की बिना हस्ताक्षर वाली 47 फाइलें लौटा दी हैं, मुख्यमंत्री हस्ताक्षर तक नहीं कर रहे हैं। एलजी के पास फाइल जाएगी और सरकार के मुखिया के हस्ताक्षर ही नहीं होंगे।