कल्याण सिंह ने राजस्थान विश्वविद्यालय के 26 वे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ‘जन गण मन अधिनायक जय हो...अधिनायक किसके लिए। यह ब्रिटिश समय के अंग्रेजी शासक का गुणगान है। राष्ट्रगान में संशोधन होना चाहिए। यह जन गण मंगलदायक..... भारत भाग्य विधाता किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा मैं रवींद्र नाथ टैगोर के प्रति पूरी श्रद्धा रखता हूं, ‘जन गण मन अधिनायक’ की जगह ‘जन गण मंगलदायक...भारत भाग्य विधाता’ होना चाहिए। इसी तरह राज्यपाल के लिए महामहिम की जगह माननीय शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि ब्रिटिश काल के बाद गवर्नर कभी महान नहीं रहे।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कुछ ही दिन पहले महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर की तुलना करते हुए कहा था कि राजपूत राजा हमारे लिए कहीं अधिक प्रेरणादायी हैं वह राष्ट्र के लिए महान हैं। आज भी इसी तरह की राय जाहिर करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा विभाग को महाराणा प्रताप के जीवन पर पाठ्यक्रम संचालित करने चाहिए, जिसमें उनके संघर्ष पर विशेष रूप से प्रकाश डाला जाए।
उन्होंने कहा, कल को कोई कहे कि विक्टोरिया ने शासन किया तो क्या विक्टोरिया हमारे लिये महान हो जाएंगी। हमारे लिये विक्टोरिया महान नहीं हैं। हमारे लिए महान है क्रांतिकारी झांसी की महारानी। औरंगजेब भी शासक था। तो क्या औरंगजेब को हम महान मानेंगे? हमारे लिए महान औरंगजेब नहीं हो सकता। हमारे लिए महान है छत्रापति शिवाजी महाराज।
ग्रामीण विकास की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा, असली भारत गांवों में बसता है, जहां दो तिहाई लोग रहते हैं। अगर हम गांवों में विकास करेंगे तो भारत का विकास होगा, समाज का विकास होगा।
इस दौरान सिंह ने डिग्री लेते समय छात्रों के लिए ड्रेस कोड बदलने की वकालत करते हुए कहा, राजस्थान ने काली पोशाक में बदलाव करके दीक्षांत के समय सफेद पोशाक पहनने की शुरुआत की है।